मुनाफ पटेल ने इंटरनेशनल क्रिकेट से लिया संन्यास, कभी टाइल्स फैक्ट्री में करते थे

मुनाफ पटेल (Munaf patel) को किस तरह याद करना चाहेंगे आप? टीम इंडिया के एक ऐसे खिलाड़ी के रूप में जिसकी सबसे बड़ी उपलब्धि 2011 के वर्ल्ड कप (World Cup Cricket 2011) टूर्नामेंट में 11 विकेट रहे. या फिर जमीन से उठकर टीम इंडिया (Team India) तक का सफर तय करने वाले एक क्रिकेटर के रूप में! जिस भी तरीके से आप मुनाफ पटेल को याद करना चाहें, कर सकते हैं. क्योंकि आज के बाद मुनाफ पटेल फिर कभी आपको अंतरराष्ट्रीय क्रिकेट के मैदान में कभी नहीं दिखेंगे. अंतरराष्ट्रीय क्रिकेट का मैदान इसलिए, क्योंकि अगले कुछ दिनों में होने वाले टी-10 लीग में वे राजपूत टीम की तरफ से जरूर खेलेंगे. हो सकता है क्रिकेट एक्सपर्ट या अन्य किसी रूप में वे जरूर मैदान में नजर आ जाएं. लेकिन क्रिकेटर के रूप में नहीं. टीम इंडिया में कभी पेस-बॉलिंग का सितारा रहे इस क्रिकेटर ने क्रिकेट के सभी प्रारूपों से संन्यास ले लिया है. क्रिकेट छोड़ने की घोषणा खुद मुनाफ ने सोशल मीडिया पर शेयर करते हुए दी है.

बॉलिंग कोच ने बताया था ‘अज्ञात योद्धा’
कुल 13 टेस्ट, 70 वनडे और 3 टी-20 इंटरनेशनल मैच खेलने वाले मुनाफ पटेल को विश्वकप 2011 में भारतीय टीम को वर्ल्ड चैंपियन बनाने में सबसे अहम योगदान देने वालों में से एक माना जाता है. इसका अंदाजा आप इस बात से भी लगा सकते हैं कि उस समय टीम इंडिया के गेंदबाजी कोच रहे एरिक सिमंस ने मुनाफ को ‘अज्ञात योद्धा’ बताया था. मुनाफ पटेल ने वर्ष 2006 में इंग्लैंड के खिलाफ पंजाब के मोहाली में टेस्ट क्रिकेट में अपना पहला मैच खेला था. इसके ठीक एक ही महीने बाद उन्होंने इंग्लैंड के खिलाफ ही पहला वनडे भी खेला. इन मैचों से उनके अंदर छिपी प्रतिभा का लोगों को पता चला. और वे अगले कुछ वर्षों तक टीम इंडिया के होकर रह गए. 2006-11 के बीच टीम इंडिया के नियमित सदस्य रहे मुनाफ हालांकि चोट के कारण बार-बार टीम से बाहर भी होते रहे, फिर भी उनके प्रदर्शन पर इसका असर नहीं पड़ा. उन्होंने अपना आखिरी इंटरनेशनल मैच वर्ष 2011 में खेला था. पटेल ने टीम इंडिया की तरफ से तीन टी-20 मैच भी खेले हैं. उन्होंने तीनों टी-20 मैच 2011 में ही खेले.

इंस्टाग्राम पर लिखा इमोशनल कर देने वाला मैसेज
मुनाफ पटेल ने शनिवार को इंस्टाग्राम अकाउंट पर क्रिकेट करियर से संन्यास की घोषणा की. अपने इमोशनल कर देने वाले पोस्ट में उन्होंने लिखा है, ‘हैलो दोस्तो, मैं संन्यास ले रहा हूं. मुझे इस समय संन्यास लेने का मलाल नहीं हैं. मैंने जिन खिलाड़ियों के साथ क्रिकेट खेला है, वे सभी क्रिकेट से संन्यास ले चुके हैं. उनमें से सिर्फ धोनी ही हैं, जो अभी तक खेल रहे हैं. इसीलिए मुझे संन्यास का कोई दुख नहीं हैं. सबका समय खत्म होता है. मुझे संन्यास का गम उस समय होता, जब सभी खेल रहे होते और मैं संन्यास ले लेता.’ टीम इंडिया के पूर्व क्रिकेटर ने कहा कि इस समय उनके संन्यास लेने का कोई खास कारण नहीं है. उनकी उम्र हो चुकी है. अब फिटनेस भी पहली जैसी नहीं रही. साथ ही टीम इंडिया में आने के लिए कई नौजवान अपने मौकों का इंतजार कर रहे हैं.

पटेल ने कहा, ‘मेरे लिए सबसे बड़ी उपलब्धि तो यही है कि मैं 2011 विश्व कप विजेता टीम का सदस्य हूं.’ 2011 के विश्वकप में मुनाफ को इंग्लैंड के खिलाफ टाई मैच का आखिरी ओवर करने के लिए याद किया जाता हैं. उस ओवर में इंग्लैंड को 14 रन चाहिए थे. पहली तीन गेंदों पर 9 रन बने, अंतिम गेंद पर दो रन की जरूरत थी. लेकिन मुनाफ ने सिर्फ एक रन दिया और मैच टाई हो गया. मुनाफ ने वर्ल्डकप-11 के आठ मैचों में कुल 11 विकेट लिए थे. वे भारत के तीसरे सबसे सफल गेंदबाज रहे थे. उनसे ज्यादा विकेट सिर्फ जहीर खान (21) और युवराज सिंह (15) ने लिए थे.