मुफ़्ती-ए-आज़म शेख़ अबदुल अज़ीज़ बिन अबदुल्लाह अल-शेख़ का फ़तवा

रियाद, ०२ नवंबर ( एजेंसीज़) सऊदी अरब के मुफ़्ती-ए-आज़म शेख़ अबदुल अज़ीज़ बिन अबदुल्लाह अल-शेख़ ने रोज़नामा हयात को इंटरव्यू देते हुए कहा कि समुंद्री तूफ़ान सेंडी में अफ़राद के मुतास्सिर होने पर आलमे अरब में लोगों का इज़हार मुसर्रत नाजायज़ है ।

और ऐसा रवैय्या फ़ौरी तर्क कर देना चाहिये । मुमताज़ मुबल्लिग़‍‍‍ ए इस्लाम सऊदी अरब सलमान अल‍ एवज़‌ ने भी ट्वीटर इस्तेमाल करने वालों पर ज़ोर दिया है कि वो समुंद्री तूफ़ान से मुतास्सिरीन के मसाइब पर इज़हार मुसर्रत तर्क कर दें ।

उन्होंने याददहानी की कि हज़रत मुहम्मद स०अ०व० रहमतुल आलमीन थे । मिस्र के साबिक़ रुकन पार्लीमेंट मुस्तफा अल नग़र ने कहा कि वो अमेरीकी अवाम पर तरस खाते हैं वो अमरीका के दौरे पर थे । उन्होंने कहा कि यहां जो कुछ हो रहा है एक आफ़ते समावी और एक सानिहा (हादसा) है ।

बेक़सूर मुतास्सिरीन पर ख़ुशी ज़ाहिर करना ग़ैर इंसानी है । फ़लस्तीनी शायर मूरीद अल बरग़ूती ने भी समुंद्री तूफ़ान पर इज़हार मुसर्रत करने वालों पर तन्क़ीद करते हुए कहा कि तुम से किस ने कहा कि अमेरीका के बच्चे , तलबा , ख़वातीन और मर्द तुम्हारी (मुसलमानों की) मौत के ख़ाहिशमंद हैं ।

हसनी मुबारक और जॉर्ज बुश जैसे सियासतदां एक अलग शख़्सियत हैं और इंसानियत कुछ और चीज़ है । मिस्र के सयासी कारकुन इंजी हमदी ने कहा कि क्या इस्लाम लोगों की बदक़िस्मती पर हमें ख़ुशी मनाने की तालीम देता है ।