मुफ्ती बनेंगे वज़ीर ए आला

यह अब पक्का हो गया है कि जम्मू कश्मीर में पीडीपी के सरबराह मुफ्ती मुहम्मद सईद कि कियादत में पीडीपी-भाजपा इत्तेहाद की हुकूमत आइंदा कुछ ही दिनों में हलफ लेने वाली है। तय हुए कम से कम सांझा प्रोग्राम के मुताबिक मुफ्ती सईद को 6 सालों के लिए वज़ीर ए आला का ओहदा देना भाजपा ने कुबूल कर लिया है। यही नहीं रियासत में पहली मरतबा इक्तेदार का सुख पाने को भाजपा ने अपनी सभी शर्ते भी छोड दी हैं।

पीपुल्स डेमोक्रेटिक पार्टी (पीडीपी) ने इस बात को कुबूल किया है कि जम्मू कश्मीर में आइंदा हुकूमत Common Minimum Programme की बुनियाद पर तश्कील होने जा रही है। इसके लिए सही बातचीत की जरूरत है जो ज्यादा लंबी नहीं चलेगी। सरकार बनने का ऐलान जल्द हो सकता है।

पीडीपी के तरजुमान नईम अख्तर ने कहा कि जम्मू कश्मीर में अगर हुकूमत बनती है तो भाजपा और पीडीपी के बीच सीट की तक्सीम का इंतेज़ाम है। अगर सब ठीक जाता है तो दोनों पार्टी के बीच एक सहज बातचीत है और आम रज़ामंदी से ही ऐसा होगा।

ज़राये के मुताबिक हुकूमत की तश्कील को लेकर भाजपा और पीडीपी के बीच रज़ामंदी तकरीबन बन चुकी है। दोनों पार्टीयों के ज़राये का कहना है कि इसका ऐलान जल्द किया जाएगा । हालांकि रियासत में राज्यसभा इंतेखाबात व दिल्ली विधानसभा इंतेखाबात के सबब फिलहाल दोनों पार्टियां बच रही हैं।

भाजपा सदर अमित शाह बार-बार मीडिया से कह चुके हैं कि जम्मू कश्मीर में भाजपा की हिस्सेदारी वाली हुकूमत की तश्कील पर बातचीत जारी है। पीडीपी खुले तौर पर तो नहीं लेकिन इशारों में बताती रही है कि हुकूमत की तश्कील पर उसकी भाजपा से बातचीत चल रही है।

ज़राये के मुताबिक भाजपा अब यह जिद तकरीबन छोड चुकी है कि रियासत के सीएम का ओहदा तीन-तीन साल के लिए दोनों पार्टियों के बीच बांटा जाए। ज़राये का कहना है कि दोनों पार्टियों के रज़ामंदी फार्मूले के मुताबिक , सीएम का ओहदा 6 साल तक के लिए पीडीपी सरबराह मुहम्मद सईद संभालेंगे।

मुम्किन है कि इस सिस्टम में भाजपा को नायब सीएम का ओहदा मिले और उसके दो लोगों को पीडीपी की मदद से राज्यसभा में भेज दिया जाए। अगले महीने जम्मू कश्मीर की चार राज्यसभा सीटों के लिए इलेक्शन भी होना है, जिसके लिए नामज़दगी की आज आखिरी तारीख है।