बीजेपी के सीनीयर लीडर मुरली मनोहर जोशी ने कहा है कि अगर हर आम आदमी अपनी ज़िंदगी में योग को अपनाए, तो इससे मुल्क में बलात्कार के वाकियात को कम करने में मदद मिलेगी. जोशी ने यह भी कहा कि मुसलमान दिन में पांच बार योग करते यानी नमाज़ पढ़ते हैं और उन्होंने पैगम्बर मोहम्मद ( सल्लल्लाहु अलैहि वसल्लम्) को ‘सबसे अज़ीम योगी’ बताया.
उन्होंने कहा, मेरा यह मानना है कि अगर आम आदमी की जिंदगी में योग आ जाए, तो आए दिन होने वाले बलात्कार के वाकियात …मैं यह नहीं कहूंगा कि वे बिल्कुल खत्म हो जाएंगे, लेकिन यकीनतौर पर उनमें कमी आएगी. उन्होंने कहा, इससे मर्दों और ख़्वातीन के बीच एक नई सोच पैदा होगी.
इंसानी जिस्म के बारे में सोच में बदलाव आएगा कि जिस्म एक ऐसी मशीन है, जिसे कुदरत ने हमें बड़े मकसद के लिए अता किया है. लोगों का ध्यान इस ओर जाएगा. वह यहां योग पर मुंहसिर एक तकरीब में बोल रहे थे.
महर्षि महेश योगी की तरफ से पेश योग की एक तरीके पर न्यूयॉर्क में किए गए तजुर्बा का जिक्र करते हुए जोशी ने कहा कि जब एक यूनिवर्सिटी के वाइस चांसलर ने इसका जायज़ा किया तो पाया कि न्यूयॉर्क में जुर्म की शरह कम हो गई है और जेलों में कैदियों के रवैय्ये में बदलाव आया है. जोशी ने कहा, “हमारे मुस्लिम भाई एक दिन में पांच बार योग करते हैं. नमाज में बैठने की हालत… दो या तीन हालत …. आप बता पाएंगे कि वे कौन सी होती हैं.” उन्होंने कहा, “इसलिए मैं समझता हूं कि मोहम्मद ( सल्लल्लाहु अलैहि वसल्लम) एक अज़ीम योगी थे. खुदा के लिये इबादत करने का यह तरीका इसे योग से जोड़ती है… वह बिना योग का प्रैक्टिस किए इसे नहीं कर सकते थे.”
स्किल डेवलेपमेंट पर हुकूमत की तरफ से दिए जा रहे ध्यान का ज़िक्र करते हुए जोशी ने कहा कि आयुष, तालीम , सेहत और कौशल समेत मुख्तलिफ वज़ारतो के बीच को आर्डिनेशन ग्रुप (coordination group) होना चाहिए ताकि यह देखा जा सके कि योग का किस तरह से सामाजी और इक्तेस्सादी ज़िंदगी में इस्तेमाल किया जा सकता है.
फौज में योग की तश्हीर करने वाले एक साबिक फौजी चीफ का जिक्र करते हुए जोशी ने सुझाव दिया कि मुल्क के सेक्युरिटी फोर्स को भी योग की तालीम दी जानी चाहिए. उन्होंने कहा, “मेरा सुझाव यह है कि हमारे मुल्क की फौज और पुलिस को योग की तालीम दी जानी चाहिए .
अगर मुलिस अहलकार योग करना शुरू करते हैं, तो वे बातचीत के ज़रिये से लोगों को समझाने में कामयाब होंगे और इस तरह उनके रवैय्ये में भी बदलाव आएगा.”
उन्होंने यह भी कहा कि अगर कोई भी शख्स वेदों या उपनिषदों के मंत्रों का ट्रांसलेट कर कोई काम शुरू करता है, तो उसके नतीजे अच्छे होंगे. योग को न सिर्फ इंसानों, बल्कि परिंदो और जानवरों के लिए भी बताते हुए सीनीयर लीडर ने कहा कि योग इंसानो के साथ ही जानवरों को भी जोड़ता है.
उन्होंने कहा, “अगर आप गौर से देखें तो जानवर और परिंदे भी योग करते हैं… मयूर आसन, सर्प आसन यह कुदरती है, ऐसा नहीं है कि यह सिर्फ इंसानों के लिए है, बल्कि जानवरों और परिंदो के लिए भी है. यह भी मुम्किन है कि ये कीड़े-मकोड़ों के लिए भी हों. यह हमें न केवल इंसानों से, बल्कि जानवरों से भी जोड़ता है.” जोशी ने कहा कि योग पूरे मुल्क में अमन और खुशहाली लाने का अज़ीम आप्शन है. उन्होंने कहा कि तालीम के हर हिस्से में योग को लागू करना बेहद जरूरी है और भारत योग, आयुर्वेद और संस्कृत ज़ुबान के जरिये दुनिया को फायदा पहुंचा सकता है.