मिस्र के बेदखल सदर मोहम्मद मुर्सी पीर के दिन अदालत में पेश किए गए| मुर्सी पर मिस्र में तशद्दुद और जंग भड़काने का इल्ज़ाम है| उन्हें मुल्कभर में हुए एहतिजाजियों की मौतों के लिए जिम्मेदार ठहराया गया है| मुर्सी, दिसंबर 2012 में President House के बाहर तशद्दुद् भड़काने और एहतिजाजियों के कत्ल के लिए जिम्मेदार मुस्लिम ब्रदरहुड के 14 आली मुल्ज़िमो में से एक हैं|
न्यूज़ एजेंसी सिन्हुआ के मुताबिक पीर के दिन अदालत और आस-पास में सेक्युरिटी के कड़े इंतेजाम किए गए और हथियारों से लैस फौज के सैंकड़ों जवान और पुलिस अहलकारो को तैनात किया गया था |
मुर्सी ने नवंबर 2012 में खुद को वसी इख्तेयार देते हुए फरमान जारी किया था, जिसके बाद मुर्सी के मुखालिफीन ने उनपर मुबारक के खिलाफ इंकलाब के सूलों के साथ धोखाधड़ी करने का इल्ज़ाम लगाया था |
एक महीने बाद प्रेसीडेंट हाउस के बाहर सदर के हामियों और मुखालिफीन के बीच झड़प हुई और इस तशद्दुद के लिए मुर्सी को जिम्मेदार ठहराया गया |
मिस्र के बेदखल सदर मोहम्मद मोर्सी के ख़िलाफ़ सुनवाई पीर से शुरू हो रही सुनवाई के मद्देनज़र मुल्क में सेक्युरिटी एजेंसियों को हाई अलर्ट पर रखा गया है| मोर्सी के साथ उनके सियासी तंज़ीम मुस्लिम ब्रदरहुड के दिगर 14 सिनीयर लीडरों के ख़िलाफ़ भी अदालती कार्यवाही होनी है|
इन सभी पर गुज़श्ता साल दिसंबर में प्रेसीडेंट हाऊस के बाहर हुई झड़प में एहतिजाजियों के कत्ल के लिए उकसाने का इल्ज़ाम है| साबिक सदर के हामियों की ओर से किए गए एहतिजाज के ऐलान के मद्देनज़र मुल्क में सेक्युरिटी एजेंसी को हाई अलर्ट पर रखा गया है|
सदर मोर्सी की हुकूमत को जुलाई में फौज ने हुक्मरानी/ इक्तेदार (सत्ता) से हटा दिया था| हालांकि मोर्सी ने सदर ओहदे का इलेक्शन जम्हूरीयत के तरीके से जीता था लेकिन सत्ता में गुजारे 13 महीनों के दरमियान वे कई अहममुद्दों पर नाकाम रहे|