मिस्र में एक अदालत ने माज़ूल सदर मुहम्मद मुर्सी की 21 हामी ख़्वातीन को ग्यारह साल क़ैद की सज़ा सुना दी है। इन ख़्वातीन को मुख़्तलिफ़ जराइम में क़सूरवार ठहराया गया है जिन में दहश्तगर्द तंज़ीम का रुक्न होना,
ट्रैफ़िक रोकना औरा सिकंदरिया में एहतेजाजी मुज़ाहिरे में ताक़त का इस्तेमाल शामिल हैं। सज़ा पाने वाली ख़्वातीन में सात की उम्र 18 साल से कम है इस लिए उन्हें बच्चों की जेल में भेजा जाएगा।