मुलायम और अखिलेश ने फ़साद से मुतास्सिरा ( प्रभावित) इलाक़ों में जाने की ज़हमत नहीं की: शाही इमाम

जामा मस्जिद दिल्ली के शाही इमाम सैयद अहमद बुख़ारी ने उत्तर प्रदेश में हुक्मराँ जमात समाजवादी पार्टी को शदीद तन्क़ीद का निशाना बनाया और कहा कि कोसी कला फ़िर्कावाराना फ़सादाद में हुकूमत ने कार्रवाई करने में ताख़ीर ( देरी/ विलम्ब) से काम लिया और अब वो आने वाले बलदी इंतेख़ाबात (नगर पालिका चुनाव) और 2014 के आम इंतेख़ाबात में समाजवादी पार्टी की ताईद (मदद) थी पर नज़र-ए-सानी ( पुन: विचार) करेंगे ।

याद रहे कि शाही इमाम ने असेंबली इंतिख़ाबात में समाजवादी पार्टी की ताईद ( मदद) की थी लेकिन आज सूरत-ए-हाल ये है कि फ़िर्कावाराना (संप्रादायिक) फ़सादाद के बाद जहां मुस्लिम बिरादरी को हमेशा की तरह निशाना बनाया गया ,हुकूमत ने कार्रवाई करने में ताख़ीर (देर/ विलम्ब) से काम लिया ।

मुसलमानों ने समाजवादी पार्टी को वोट दिया और इस का सिला (बदला) ये मिला कि ख़ुद मुस्लमानों को निशाना बनाया गया जिस से उन की हौसलाशिकनी (दिल तोड़ना/ निराश करना) हुई है । याद रहे कि फ़िर्कावाराना फ़सादाद से मुतास्सिर (प्रभावित) कोसी कला में जब शाही इमाम को दाख़िले से रोक दिया गया तो उन्हों ने सर्किट हाउस में अख़बारी नुमाइंदों से बात करते हुए कहा कि अब हमें (मुसलमान ) समाजवादी पार्टी से अपने ताल्लुक़ात के बारे में दुबारा सोचना पड़ेगा ख़ुसूसी तौर पर आने वाले बलदी इंतिख़ाबात ( नगर पालिका चुनाव) और 2014 के आम इंतिख़ाबात के दौरान मुसलमान अब शायद समाजवादी पार्टी की ताईद ( मदद) नहीं करेंगे ।

शाही इमाम ने कहा कि वो फ़िर्कावाराना फ़सादाद के मुतास्सिरीन ( पीड़ितों) से मुलाक़ात करना चाहते थे । उन्होंने कहा कि फ़िर्कावाराना फ़सादाद मंसूबा बंद ( योजना के तहत) थे और हुकूमत ख़ातियों के ख़िलाफ़ क़सदन कोई कार्रवाई नहीं कर रही है ।

हद तो ये हो गई कि वज़ीर-ए-आला अखिलेश यादव और एस पी सरबराह मुलायम सिंह यादव ने मुतास्सिरा ( प्रभावित) इलाक़ों का दौरा तक नहीं किया जबकि पार्टी के आला क़ाइदीन को मुतास्सिरीन (पीड़ितो) से मुलाक़ात के लिए सब से पहले पहुंचना चाहीए था ।

शाही इमाम ने फ़िर्कावाराना फ़सादाद के मुतास्सिरीन केलिए मुनासिब मुआवज़ा का भी मुतालिबा किया । यहां इस बात का तज़किरा ज़रूरी है कि मथुरा से 45 किलो मीटर के फ़ासला पर वाक़्य ( मजूद/ स्थित) कोसी कला में फूट पड़े फ़िर्कावाराना फ़सादाद में चार अफ़राद हलाक और दीगर ( अन्य)16 ज़ख्मी हो गये थे।