मुलायम के गठबंधन निति से BJP को मिल सकता है लाभ

लखनऊ: घरेलू झगड़ों से पार्टी की छवि कमजोर होने के बाद मुलायम,गठबन्ध के निति पर काम कर रहे हैं. और पिछले 48 घंटों में व्यक्तिगत तौर पर मुलायम ने महागठबंधन को फिर से खड़ा करने के प्रयास शुरू कर दिए हैं. जानकार सूत्र बताते हैं कि यूपी में मुस्लिम वोट बैंक काफी अहमियत रखता है और अगर वोट सपा-बसपा में बटते हैं तो निश्चित रूप से लाभ बीजेपी को होगा. दरअसल मायावती ने 137 मुस्लिम कन्डीडेटों को टिकट देकर मुस्लिमों को उनका मसीहा होने का अहसास कराया है.

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इंडिया संवाद ने सूत्रों के हवाले से खबर दी है कि पिछले 48 घंटों में मुलायम ने लालू प्रसाद यादव, नीतीश कुमार, चौधरी अजित सिंह से लेकर पूर्व प्रधानमंत्री देवेगौड़ा तक की सबसे फोन पर बात की है कि सबको एक छतरी के नीचे आना चाहिए. जाहिर तौर पर अगर मुलायम ने गठबंधन दिखकर मजबूती दिखाई है तो वह मायावती के मुस्लिम वोट बैंक में सेंध लगा देंगे. मुस्लिम वोट जो सपा कि कमजोर होती छवि के कारण मायावती कि तरफ भाग रहा था. उसका एक बड़ा हिस्सा मुलायम गठबंधन के बहाने अपने पाले में खींचना चाहते हैं.मुलायम के इस दांव से मुस्लिम वोट सपा-बसपा में बंटेगा, जिसका लाभ सीधे-सीधे बीजेपी को मिलेगा. इससे पहले बिहार में मुलायम ने गठबंधन से बाहर रहकर जब सपा चुनाव में अकेली कूदी थी तो भी मुस्लिम वोट बांटकर बीजेपी को फायदा पहुँचने की संभावना थी. हलांकि बिहार में ऐसा नहीं हुआ क्योंकि सपा का बिहार में कोई जनाधार नहीं है. नतीजतन मुसलमान गठबंधन टूटने के बावजूद नीतीश और लालू के पाले में चले गए .

सूत्रों के मुताबिक गठबंधन बनाने का फायदा बीजेपी को मिलेगा. क्योंकि इस गठबंधन के बनने से मायावती का दलित-मुस्लिम समीकरण ध्वस्त हो जायेगा क्योंकि यूपी में मुस्लिम वोट बैंक काफी अहमियत रखता हैं और अगर वोट सपा-बसपा में बँटते हैं तो निश्चित रूप से लाभ बीजेपी को होगा. दरअसल मायावती ने 137 मुस्लिम कन्डीडेटों को टिकट देकर मुस्लिमो को उनका मसीहा होने का अहसास कराया है. इसी के चलते मुस्लिम वोट ने मायावती को मजबूत करने का मन बनाया है. वह मुलायम ,लालू, नीतीश और अजित सिंह को एक मंच पर साथ देखकर असमंजस की स्थिति में पड़ जायेगा. बस इसी स्थिति का बीजेपी लाभ उठाना चाहती है.