मुसलमान समझ नहीं पा रहा है कि समाजवादी पार्टी और उसके मुखिया मुलायम सिंह पर कितना भरोसा किया जाये। इसकी वजह भी है। 2012 में समाजवादी पार्टी ने चुनाव के समय मुसलमानों से जो वायदे किये थे, उन्हें अखिलेश सरकार भले ही पूरे कर देने की बात कर रही हो, लेकिन जमीनी हकीकत कुछ और है। मुसलमानों को इससे कोई फायदा नहीं हुआ है।
इसके अलावा अखिलेश कैबिनेट में भी उस अनुपात में मुस्लिम नेताओं को नहीं लिया गया है, जिस अनुपात में वह जीतकर आये थे। इसी प्रकार मुलायम सिंह का बार-बार दादरी के बिसाहड़ा में भीड़ द्वारा अखलाक नामक व्यक्ति की हत्या के लिए बीजेपी के तीन नेताओं को जिम्मेदार ठहराया जाना और यह कहना कि अगर प्रधानमंत्री कहें तो वह उन तीनों के नाम बताने को तैयार हैं। वाली बात मुसलमानों को रास नहीं आ रही है। वह सवाल पूछ रहे हैं कि ऐसी कौन सी मजबूरी है जो मुलायम उक्त बीजेपी नेताओं का नाम सार्वजनिक नहीं करके उन्हें बचा रहे हैं। ऐसी ही बातों और बीजेपी के प्रति नेताजी का अक्सर दिखता झुकाव मुसलमान वोटरों को रास नहीं आता है। यह परेशानी सबब न बन जाये इसी चिंता में डूबे मुलायम और समाजवादी सरकार ने अब हिन्दू कार्ड खेलना शुरू कर दिया है।
2012 के विधान सभा चुनाव के समय सपा को मुस्लिम वोटों की चिंता सता रही थी तो 2017 में उसे हिन्दू वोट बैंक की भी चिंता सताने लगी है। इसी लिये पिछले वर्ष सितंबर के महीने में अखिलेश सरकार द्वारा हिन्दुओं की सबसे पवित्र धार्मिक मानसरोसवर यात्रा पर जाने वाले भक्तों के लिये सब्सिडी 25 हजार से बढ़ाकर 50 हजार कर दी गई थी। इससे पूर्व अखिलेश सरकार द्वारा शुरू की गई ‘समाजवादी श्रवण यात्रा’ भी इसी कड़ी का एक हिस्सा था। जिसके माध्यम से प्रदेश के बुजुर्ग श्रद्धालुओं को यूपी सरकार के खर्चो पर पूरे देश के धार्मिक स्थलों की यात्रा कराई जा रही है। अभी तक हजारों बुजुर्ग इस यात्रा का फायदा उठा चुके हैं। इसी तरह से अखिलेश सरकार 2017 के विधानसभा चुनाव से पहले राज्यभर के मंदिरों का जीर्णोद्धार भी करने जा रही है।
सपा सरकारों ने मुसलमानों के ख़िलाफ़ नफ़रत और मुसलमानों में असुरक्षा पैदा करने वाले किसी भी संघठन के ख़िलाफ़ कोई कार्यवाही नही की है ,कल बजरंग दल के हथियारों की ट्रेंनिंग और नफ़रत भरे कैंप का खुलासा होने पर सपा सरकार ने कोई कार्यवाही नही की है मुलायम को डर है कि अगर ऐसे संघठन पर कोई कार्यवाही की गयी तो हिन्दू वोट सपा के ख़िलाफ़ लामबंध हो के सपा को हरा सकते है
वसीम अकरम त्यागी
साभार -विज़न मुस्लिम टुडे मैगज़ीन