नई दिल्ली
बैंक अकाउंटस की तादाद में ग़ैरमामूली इज़ाफ़ा आलमी बैंक की रिपोर्ट
हिन्दुस्तान में साल 2011 और 2014के दरमियान बैंक अकाउंटस की तादाद में ग़ैरमामूली 35फ़ीसद से 53फ़ीसद तक का इज़ाफ़ा हुआ है लेकिन मुल्क में ज़ीरो बैलंस अकाउंटस की तादाद भी सब से ज़्यादा है। आलमी बैंक ने अपनी एक रिपोर्ट में बताया कि बैंक अकाउंटस की तादाद में इज़ाफे का साफ़ मतलब ये है कि 2011और 2014 के दरमियान हिन्दुस्तान में 175मीलियन अफ़राद ने अपने बैंक खाते खोल लिए हैं।
अगस्त 2014में हुकूमत की जानिब से शुरू की गई प्रधान मंत्री जन धन योजना स्कीम से भी काफ़ी फ़ायदा हुआ और कई अफ़राद ने बैंक खाते खोले हैं। हुकूमत का मक़सद यही है कि कम अज़ कम हर ख़ानदान का एक बैंक खाता होना चाहिए। जनवरी 2015 के ख़त्म तक 125मीलियन नए बैंक खाते खोले गए। स्कीम के तहत 97 फ़ीसद बैंक खाते पब्लिक बैंक्स में खोले गए और इन में तक़रीबन 72फ़ीसद खाते ज़ीरो बैलंस हैं। इसी तरह हिन्दुस्तान में बैंक खाते रखने वालों के मिनजुमला सिर्फ़ 39फ़ीसद के पास डेबिट या ए टी ऐम कार्डज़ पाए जाते हैं ।