मोमिन लीडर नसीम अंसारी की सदारत में मुनक्कीद जिला मोमिन कोन्फ्रेंस के जलसा आम में क़ायेदीन मोमिन और मर्कज़ी हुकूमत पर मुसलमानों की हक़ तलफ़ी का इल्ज़ाम लगाते हुये मुसलमानों को ठगने का इल्ज़ाम लगाया। ऑल इंडिया मोमिन कोन्फ्रेंस के बुजुर्ग कायद अमानत अली ने कहा के मुसलमानों को नरेंद्र मोदी का खौफ न दिलाया जाए। मुसलमान उसी को वोट देंगे जो उनके जायज़ देने के इक़्दामत करेगा। मोहज़ आलानात की सियासी बाजीगरी नहीं चलेगी।
ऑल इंडिया मोमिन कोन्फ्रेंस के बुजुर्ग रहनुमा अमानत अली ने रियासती और मर्कज़ी हुकूमत को ललकारते हुये ये बातें कहीं। नसीम अंसारी की सदारत में मुनक्कीद मोमिन कोन्फ्रेंस के दौराना नीलामी हाल में जलसा आम से खिताब करते हुये उन्होने कहा के रंगनाथ कमीशन ने दलित को दिये जाने वाले रिज़र्वेशन का ओबीसी को हकदार बताया था लेकिन इसकी सिफ़ारिशात को कचरे के ढेर में फेंक दिया गया। उन्होने कहा के झारखंड की हेमंत सोरेन हुकूमत मुसलमानों को कुछ देना नहीं चाहती।
अगर मनमोहन हुकूमत देना चाहती है तो इसके उजरा और हुकूमती अहलकार इसे नाफ़िज़ करना नहीं चाहते। इसके अहम वजह ये है के हमारे अंदर इत्तीहाद नहीं है।
ऑल इंडिया मोमिन कोन्फ्रेंस के सरबराह मंजूर अंसारी ने कहा के 5 जनवरी को इरबा में मुनक्कीद मोमिन कोन्फ्रेंस के तारीख़ी इजतेमा में वजीरे आला हेमंत सोरेन और उनके काबिनी रफका के सामने 10 नुकाती मुतालबे पेश किए गए थे।
जिसमें 4401 उर्दू असातिज़ा की 1999 से खाली पड़ी आसामियों पर उर्दू असातिज़ा की तकर्रुरी, उर्दू निसबी किताबों की आशाअत, मदरसा बोर्ड, वक़्फ बोर्ड, अक्लियती मालियाती कमीशन वगैरह के मुतालिबे शामिल थे। वजीरे आला ने ऐलान किया था के 15 फरवरी तक उनके मुतालिबे को मंजूरी देने का ऐलान करेंगे लेकिन वक़्त गुज़र जाने के बावजूद भी हुकूमत खामोश है। इसके खिलाफ ज़ीरदार तहरीक चलायी जाएगी। मंजूर अंसारी ने कहा के हर साल 1600 करोड़ रुपए अक्लियती फ्लाह फंड का मर्कज़ी हुकूमत को वापस भेज दिया जाता है। इसका इस्तेमाल क्यों नहीं होता। नरेंद्र मोदी का खौफ दिखा कर मुसलमानों का वोट हासिल करने की पॉलिसी अब नहीं चलेगी। मुसलमानों के साथ इंसाफ नहीं किया गया तो इस का मुंह तोड़ जवाब इंतिख़ाब में देंगे। इस मौके पर आबिद अली, असगर अली, सानाउल्लाह अंसारी, सगीर अंसारी, फख़रुद्दीन अंसारी, शहीद अंसारी वगैरह मौजूद थे।