मुल्क को बिहार जैसी गोलबंदी की जरूरत

पटना : वज़ीरे आला नीतीश कुमार ने बुध को एक बार फिर भाजपा के खिलाफ कौमी सतह पर एक बड़ी सियासी गोलबंदी की वकालत की है। सीपीआइ दफ्तर अहाते में भाकपा लीडर एबी बर्धन की याद में मुनाक्किद तामम पार्टियों की खिराजे अकीदत इजलास में वज़ीरे आला ने कहा कि मुल्क को बिहार जैसी गोलबंदी की जरूरत है।

उन्होंने कहा कि मुल्क में आज आवारा कैपिटलिज्म का दौर चल रहा है, लोग तन्ख्वाह की बात भूल गये हैं। अब पैकेजिंग का दौर आ गया है। मुल्क में मज़हबी अदम रवादारी का माहौल है। इससे मुल्क तरक्की नहीं कर सकती। मुल्क पर हावी ताकतों से लड़ने के लिए हमें सियासत की नयी पालिसी बननी होगी। इसके लिए बड़ी गोलबंदी करनी होगी। वज़ीरे आला ने कहा कि मौजूदा सियासी नज़ारे में दकियानुसी ख्यालों काे तरजीह मिल रही है।

वज़ीरे आला ने कहा कि मुल्क की सियासत में मजदूर तहरीक को आला मुकाम पर पहुंचाने में एबी बर्धन का अहम किरदार है, उसे कभी भुलाया नहीं जा सकता। उनका सिर्फ अपने पार्टी के साथ ही नहीं, बल्कि दीगर जम्हूरी व समाजी पार्टियों के साथ बेहतर रिश्ता था। तमाम पार्टियों के साथ उन्होंने बेकहतर ताल्लुक बनाने का भी काम किया था। 2014 के लोकसभा इन्तिखाब में उनके ज़रिये बेहतर तालमेल भी हुआ था। उन्होंने अपने स्टूडेंट तहरीक और पुराने दिनों की याद दिलाते हुए कहा कि तब तरक्की ख्यालों के असर का वक़्त था, हम गोलबंदी को सोचें, यही एबी बर्धन को सच्ची खिराजे अकीदत पेश होगी।