मुल्क को हक़ीक़त पसंद वज़ीर-ए-आज़म की ज़रूरत : राजनाथ

बी जे पी के सदर राज नाथ सिंह ने आज कहा कि हिंदुस्तान अपनी आज़ादी के बाद आज पहली मर्तबा इंतिहाई बदतरीन मआशी बोहरान से गुज़र रहा है और मुल्क को मनमोहन सिंह जैसे किसी माहिर मआशियात की नहीं बल्कि एक हक़ीक़त पसंद वज़ीर-ए-आज़म की ज़रूरत है।

राज नाथ सिंह ने कहा कि वज़ीर-ए-आज़म मनमोहन सिंह ख़ामोश रहते हैं क्या करना किया ना करना है बस यही सोचते रहते हैं। हमारे वज़ीर-ए-आज़म एक बहुत बड़े माहिर मआशियात हैं। वाजपाई जो कोई माहिर मआशियात नहीं थे लेकिन एक हक़ीक़त पसंद रहनुमा थे और आप एन डी ए और यू पी ए हुकूमतों के दौरान रहने वाली मआशी सूरत-ए-हाल का तक़ाबुल करसकते हैं।

राज नाथ सिंह ने आई पी सी और एमसी सी चैंबर के ज़ेर-ए-एहतिमाम मुनाक़िदा एक मुज़ाकरे के मौक़ा पर कहा कि 2004 में यू पी ए बरसर-ए-इक़तिदार आने के बाद रुपये की हालत बिगड़ गई डालर अपनी बुलंदियों पर चला गया और हिंदुस्तानी रुपये वेंटीलेटर पर चढ़ गया।