मुल्क भर में आज पब्लिक सेक़्टर बैंकिंग और ट्रांसपोर्ट निज़ाम बुरी तरह मफ़लूज रहा। बाअज़ रियास्तों में ट्रांसपोर्ट सर्विस बंद रही। 11 बड़ी ट्रेड यूनियनों की जानिब से 24 घंटों की बंद की अपील के बाद मुल्क में मिला जुला रद्द-ए-अमल सामने आया है। नई दिल्ली, मुंबई और चेन्नई के बिशमोल कई बड़े शहरों में आम ज़िंदगी मामूल के मुताबिक़ रही, ताहम दीगर रियास्तों जैसे केरला, उड़ीसा और त्रिपुरा में आम ज़िंदगी मुतास्सिर रही।
जबकि मग़रिबी बंगाल में बंद का मिला जुला असर रहा। जहां पर तृणमूल कांग्रेस हुकूमत ने बंद को नाकाम बनाने के लिए तमाम इक़दामात किए थे। मग़रिबी बंगाल में दूकानें, मार्केटस और तिजारती इदारे बाअज़ मुक़ामात पर तक़रीबन बंद रहे और रियास्ती बसें और ट्रेन्स चलाए गए लेकिन मुसाफ़िरों की तादाद कम थी।
तृणमूल कांग्रेस के मज़बूत गढ़ वाले इलाक़ों में आम ज़िंदगी मामूल के मुताबिक़ रही जहां दूकानें खुली हुई थीं और मोटर गाड़ियां रोज़मर्रा की तरह चल रही थीं। मग़रिबी बंगाल के रियास्ती सेक्रेट्रेट राइटर्स बिल्डिंग में मुलाज़मीन की हाज़िरी मामूल के मुताबिक़ 65 फ़ीसद रही।
चीफ़ मिनिस्टर ममता बनर्जी ने सरकारी मुलाज़मीन को इंतिबाह दिया था कि अगर ये लोग डयूटी से ग़ैर हाज़िर रहें तो उन्हें ख़िदमात से बरतरफ़ किया जाएगा। सेंटर्ल ट्रेड यूनियनों ने लेबर हुक़ूक़ की ज़मानत का मुतालिबा करते हुए मुल्क गीर बंद की अपील की है। इन यूनियनों ने कौनट्रेक़्ट लेबर निज़ाम को ख़तम करने, समाजी सलामती के दायरा में ग़ैर मुनज़्ज़म शोबा के वर्कर्स को लाने का मुतालिबा करने के इलावा तमाम वर्कर्स के लिए वज़ीफ़ा के फ़वाइद फ़राहम करने पर ज़ोर दिया है।
मुल्क के तिजारती दार-उल-हकूमत बॉम्बे में मालीयाती इदारों में इस बंद का जुज़वी असर देखा गया। बैंकिंग और इंश्योरेंस शोबा के इलावा जहां ट्रेड यूनियनों का असर है मजमूई तौर पर आम ज़िंदगी ग़ैर मुतास्सिर रही। ज़रूरी ख़िदमात वाली सर्विसेस ख़ासकर पब्लिक ट्रांसपोर्ट निज़ाम मामूल के मुताबिक़ काम करता रहा।
बैंकिंग और मालीयाती शोबा में बंद मुकम्मल रहा। आर बी आई के तमाम इदारे बंद रहे। जहां पर ख़ानगी और बैरूनी बैंकों का कोई असर नहीं है वहां पर भी बंद का असर देखा गया। जनरल सेक्रेटरी आल इंडिया बैंक इम्पलाइज़ एसोसीएसन विश्वास उतूगी ने दावा किया कि इनका बंद कामयाब रहा।
नई दिल्ली में बंद का आम ज़िंदगी पर मामूली असर पड़ा। पब्लिक सेक्टर यूनिटों के बैंकों में काम काज ठप रहा। कई टैक्सी ड्राईवर्स और आटो वालों ने इस एहतिजाज में हिस्सा लेते हुए सड़कों से अपनी मोटर गाड़ियां हटा लें। पंजाब, चन्दीगढ़ और हरियाणा में भी बैंकिंग और ट्रांसपोर्ट निज़ाम दिरहम ब्रहम रहा। इस इलाक़ा के मुख़्तलिफ़ हिस्सों में भी बंद कामयाब रहा।
बड़ी बैंक यूनियनों की हड़ताल के बाइस पब्लिक सेक्टर के बैंकों के तमाम ब्रांचस मैं मालीयाती लेन देन पर असर पड़ा। ताहम ख़ानगी शोबा के बैंकों में मालीयाती लेन देन में कोई रुकावट नहीं आई। केराला में हड़ताल के बाइस आम ज़िंदगी मफ़लूज रही। दुकानें बंद रहे, सड़कों से गाड़ियां ग़ायब रहीं। मर्कज़ की यू पी ए हुकूमत की जानिब से ग़ैर माक़ूल मआशी और लेबर पालिसीयों के ख़िलाफ़ एहतिजाज किया गया है।
केरला में कांग्रेस ज़ेर क़ियादत यू पी ए हुकूमत ने सरकारी दफ़ातिर में हड़ताल के ख़िलाफ़ इंतेबाह दिया और कहा कि काम नहीं तो तनख़्वाह नहीं पर अमल किया जाएगा। मग़रिबी बंगाल में 100 मुवाफ़िक़ हड़ताली एहितजाजियों को गिरफ़्तार किया गया। ये लोग मुख़्तलिफ़ अज़ला में रेल और सड़क ट्रैफ़िक रोक रहे थे। सी पी आई एम लीडर और साबिक़ वज़ीर कान्ती गंगोली ने इल्ज़ाम आइद किया कि तृणमूल कांग्रेस के हामीयों ने सी पी आई एम के ज़ोनल दफ़्तर पर हमला करके तोड़ फोड़ की है।