नई दिल्ली 30 मार्च:मुल्क के कई इलाक़ों में बारिश की कमी की वजह से सतह-ए-आब में परेशानकुन हद तक कमी हो गई है जबकि बारिश की पेश क़यासीयाँ ग़लत साबित हुईं। मुसलसिल दूसरा मौसम बरसात भी तसल्ली बख़श बारिश नहीं बरसा सका जिसकी वजह से कई रियासतों को आजलाना इक़दामात करने पड़े।
ताकि सर पर मंडलाते हुए बोहरान की यकसूई की जा सके। पहले ही पानी से पैदा की जाने वाली बर्क़ी तवानाई , कपास , धान और बाजरे की फ़सल जुनूबी रियासतों में जहां पानी की सतह ख़तरनाक हद तक कम हो चुकी है, तबाह हो गईं। शुमाली हिंद में जहां ज़ख़ाइर आब निसबतन बेहतर मौक़िफ़ में हैं, फ़िलहाल सूरते हाल परेशानकुन है।
आइन्दा चंद माह में अगर बारिश ना हो, बड़े पैमाना पर मुश्किलात का सामना हो सकता है। मर्कज़ ने रियासती हुकूमतों को इस सिलसिले में हिदायात जारी कर दी हैं कि ज़ख़ाइर आब से पानी के हुसूल में किफ़ायत की जाये और रियासतों को आइन्दा चंद माह तक पानी की बचत करना ज़रूरी होगा।