जयपुर, ०९ जनवरी (पी टी आई) वज़ीर-ए-आज़म मनमोहन सिंह ने आज कहा कि मुल़्क मुश्किल दर से गुज़र रहा है। जारीया मालीयाती साल में मआशी पैदावार 7 फ़ीसद हो गई। एक साल क़बल ये शरह 8.5 फ़ीसद थी, 1.5 फ़ीसद की कमी आई है।
उन्हों ने जयपुर में दसवीं प्रवासी भारतीय दीवस से ख़िताब करते हुए कहा कि हमारा मुल़्क इस वक़्त मुश्किल दूर से गुज़र रहा है, हमें क़ौम को दरपेश इन चैलेंजस से निमटने के लिए अहम काम करने होंगी। बैन-उल-अक़वामी सतह पर मनफ़ी फ़िज़ा-ए-के बावजूद हिंदूस्तानी मईशत तवक़्क़ो है कि इस मालीयाती साल 31 मार्च के ख़तन तक शरह पैदावार तक़रीबन 7 फ़ीसद होगी।
मुल्क में 2010-11-ए-के दौरान अंदरून-ए-मुल़्क की मजमूई पैदावार 8.5 फ़ीसद रिकार्ड की गई थी। इबतदा-ए-में तख़मीना लगाया गया था कि जारीया मालीयाती साल 9 फ़ीसद शरह पैदावार होगी। पैदावार की शरह का निशाना पूरा नहीं हुआ, ताहम रिज़र्व बैंक के साथ साथ वज़ारत फ़ीनानस ने इस निशाना को बतदरीज कम कर दिया है। अगरचे कि वज़ीर फ़ीनानस परनब मुकर्जी ने कल कहा था कि साल 2011-12 -ए-में शरह पैदावार तक़रीबन 7.5 फ़ीसद होगी।
मनमोहन सिंह ने मज़ीद इस शरह को घटा दिया है और उन्हों ने 7 फ़ीसद शरह होने का इमकान ज़ाहिर किया। आलमी मसाइल का हवाला देते हुए मनमोहन सिंह ने कहा कि सारी दुनिया मुश्किल दूर से गुज़र रही है। बैरूनी मुल्कों में रहने वाले हिंदूस्तानियों को भी कसादबाज़ारी का सामना है। आप में से कई अफ़राद को आलमी मआशी कसादबाज़ारी का सब से पहले सामना करना पड़ता है। रोज़गार के मवाक़े कम हो गए हैं।
तहफ़्फ़ुज़ पसंदी बढ़ गई है और तारकीन-ए-वतन के साथ रवैय्या भी सख़्त होता जा रहा है। इस से मुआशरा में समाजी अदम मुसावात बढ़ रहे हैं। मनमोहन सिंह ने कहा कि हुकूमत ने का बीनी सैक्रेटरी के तहत एक बीन वज़ारती कमेटी बनाई है, ताकि ग़ैर मुक़ीम हिंदूस्तानियों की बाज़ आबादकारी, राहत और उन्हें वापिस लाने के मसाइल का जायज़ा लिया जा सके, ख़ास तौर पर मशरिक़-ए-वुसता में इस हालिया तबदीलीयों के बाद हम को इक़दामात करने हैं।
वज़ारत बैरून-ए-मुल्क उमूर ने एक ऐक्शण प्लान बनाया है, ताकि उस की सिफ़ारिशात पर अमल किया जा सके। गुज़श्ता साल लीबिया में रौनुमा होने वाले वाक़ियात पर मनमोहन सिंह ने कहा कि हुकूमत ने इस गड़बड़ ज़दा मुल्क से ज़ाइद अज़ 16,000 अफ़राद को महफ़ूज़ तरीक़े से वतन वापिस लाने का इंतिज़ाम किया। इसी तरह मिस्र और यमन से भी हिंदूस्तानियों की एक बड़ी तादाद को वतन वापिस लाया गया। हम मुस्तक़बिल में रौनुमा होने वाले किसी भी किस्म के वाक़ियात से निमटने के लिए तैयार हैं।
ज़रूरतमंदों की मदद की जा रही है। उन्हों ने निशानदेही की कि ख़लीजी मुल्कों और मशरिक़-ए-वुसता में 6 मुलैय्यन हिंदूस्तानी मुक़ीम हैं। हम को दुनिया के इन हिस्सों में होने वाली तबदीलीयों के पेशे नज़र चौकस रहने की ज़रूरत है। हम ने इस ख़ित्ते के मुल्कों को मतला किया है कि हम इस इलाक़ा में अमन-ओ-इस्तिहकाम के मुतमन्नी हैं और ये कि इन मुल्कों में हिंदूस्तानी बिरादरी के मुफ़ादात का तहफ़्फ़ुज़ किया जाएगा।
हुकूमत ने ग़ैर मुक़ीम हिंदूस्तानी वर्कर्स के लिए नया पैंशन और लाईफ़ इंशोरंस फ़ंड को मुतआरिफ़ और स्पांसर करने का पहले ही फ़ैसला किया है। ये स्कीम बैरूनी मुल्कों में मुक़ीम हिंदूस्तानी वर्कर्स की इआनत करेगी और रज़ाकाराना तौर पर उन की वापसी और बाज़ आबादकारी का जायज़ा लेगी। तिब्बी मौत की सूरत में कम लॉगती लाईफ़ इंशोरंस भी फ़राहम किया जाएगा |