मुल्क में बेरोज़गारी की शरह में कमी

हुकूमत के एक ब्यान के मुताबिक़ मुल्क में बेरोज़गारी की शरह में 8.3 फ़ीसद की कमी वाक़्य हुई है। 2004-05 में 8.3 फ़ीसद की कमी वाक़्य हुई थी और 2009१0 में 6.6 फ़ीसद की कमी नोट की गई। हुकूमत के ब्यान के मुताबिक़ आलमी कसादबाज़ारी के बावजूद चूँकि इम्पलाइमेंट पालिसीयां कामयाबी से हमकनार हुई थीं, इसलिए बेरोज़गारी में इज़ाफ़ा नहीं हो सका।

किसी भी मुल्क में बेरोज़गारी पर क़ाबू पाने के लिए पालिसीयों का दुरुस्त होना बेहद ज़रूरी है। लेबर‍और इम्पलाइमेंट वज़ीर मल्लिकार्जुन खरगे ने कहा कि आलमी कसादबाज़ारी के बावजूद हिंदूस्तान एक ऐसा मुल्क़ साबित हुआ है, जहां बेरोज़गारी के अफ्रीयत ने अपना सर नहीं उभारा।

2004-05 में बेरोज़गारी की शरह में 8.3 फ़ीसद कमी वाक़्य हुई थी जो 2009-10 तक 6.6 फ़ीसद तक पहुंच गई है। इन आदाद-ओ-शुमार से ये वाज़िह हो जाता है कि हिंदूस्तान ने बेरोज़गारी पर क़ाबू पाने के लिए जो पालिसी साज़ी की थी, इसमें कोई ख़ामी या नुक़्स नहीं था। मिस्टर खरगे ने एक प्रेस कान्फ़्रैंस से ख़िताब करते हुए ये बात कही।