वज़ीरफ़ीनानस परनब मुकर्जी ने कहा के हुकूमत बैरूनी सरमाया कारी( दौलत) के बहाव में इज़ाफ़ा (बढोतरी )के लिए इक़दामात कररही है और इस के असरात वाज़िह(जहर ) दिखाई दे रहे हैं। बाअज़ शोबों में मुनासिब इक़दामात किए जाऐंगे।
हम ने पहले ही बेहतर इक़दामात किए हैं, जिस से अच्छे नताइज बरामद( ज़हर) होरहे हैं, लेकिन इस के मुसबत(ख़राब) असरात मुरत्तिब होने के लिए वक़्त दरकार(ज़रूरत ) है।
उन्हों ने हिंदूस्तान में ग़ुर्बत की सतह से मुताल्लिक़ आलमी रेटिंग एजैंसी की रिपोर्ट पर पूछे गए सवालात का जवाब देते हुए कहा के कल तक हिंदूस्तान की मआशी तरक़्क़ी को सुस्त रफ़्तार बताया गया था।
इस की वजह रिश्वत सतानी, ग़ैर मुनासिब इस्लाहात, इफ़रात-ए-ज़र में इज़ाफ़ा (बढोतरी) और सुस्त रफ़्तारी से पैदावार बताई गई थी। इस्टैंर्ड ऐंड यवरज़ के ये आलमी सतह की दूसरी एजैंसी है, जिस ने हिंदूस्तान की मआशी सुस्त रफ़्तारी को नोट किया है।
ताहम परनब मुकर्जी ने कहा के हुकूमत ने इस रिपोर्ट का नोट लिया है और बैरूनी रास्त सरमाया कारी और एफ़ आई आई के बहाव में कुछ बेहतरी आई है।