मुल्क में सेकुलरिज्म को संगीन ख़तरा तरक़्क़ी का ख़ाब अधूरा

रियासती-ओ-मर्कज़ी हुकूमत इक़तिदार पर फ़ाइज़ होकर एक साल का अर्सा गुज़र चुका है लेकिन इस एक साला दौरे हुकूमत में रियासती-ओ-मर्कज़ी हुकूमत तमाम महाज़ पर नाकाम होचुकी है।

हिंदुस्तान के वज़ीर-ए-आज़म नरेंद्र मोदी ने सब की तरक़्क़ी का साथ अमन और इंसाफ़ और अच्छे दिन जैसे नारों को बुलंद करते हुए मुल्क में ख़ुशहाली लाने का अवाम से वादा किया था लेकिन मर्कज़ी हुकूमत इन नारों को बरअक्स चल रही है और मुल्क में फ़िर्कावारीयत को खुली छूट दे रखी है जिस की वजह से मुल्क का सेकुलरिज्म ख़तरे में है। इन ख़्यालात का इज़हार वेलफेयर पार्टी आफ़ इंडिया के रियासती सदर सय्यद शफ़ी उल्लाह कादरी ने मुल्क् गीर मुहिम ग़रीब बचाओ देश बचाओ के तहत भैंसा में मुनाक़िद करदा जल्सा-ए-आम से ख़िताब करते हुए किया।

उन्होंने मर्कज़ी हुकूमत अवामी स्कीमात पर सब्सीडीज़ ख़त्म कर के मुल्क के कॉरपोरेट इदारों को हज़ारों करोड़ों की सब्सीडी फ़राहम करर ही है जिस में पकवान गैस भी मौजूद है। जिस से मुल्क के ग़रीब अवाम पर महंगाई का बोझ बढ़ गया है। मर्कज़ी हुकूमत की तमाम पालिसीयां सिर्फ़ और सिर्फ़ कारपोरेशन कंपनीयों की ताईद और किसानों के मुख़ालिफ़ है।

बार बार फ़िर्कावाराना बयानबाज़ी करते हुए घर वापसी और मुसलमानों को वोट से महरूम करने की मुताल्लिक़ बयानात पेश कररहे हैं जिस की वजह से मुल्क का सेकुलरिज्म संगीन ख़तरे में है।

इस एक साला दौरे हुकूमत में मुल्क का ग़रीब तबक़ा और गरिब होता जा रहा है और अमीर तबक़ा अमीर होता जा रहा है। मुल्क के वज़ीर-ए-आज़म इस एक साल में अक्सर बैरून-ए-मुमालिक के दौरों में गुज़ारा है। जिस की वजह से मुल्क की तरक़्क़ी का ख़ाब अध्वा है। तेलंगाना हुकूमत मुसलमानों को 12 फ़ीसद तहफ़्फुज़ात और वक़्फ़ जायदादों के तहफ़्फ़ुज़ में कोताही कररही है जिस की वजह से करोड़ों रूपियों की वक़्फ़ इमलाक पर नाजायज़ क़ाबज़ीन क़बज़ा किए हुए हैं।