मुल्क शाम जल रहा है और हमारे दिल तड़प रहे हैं

क़ाहिरा, 07 फरवरी: तंज़ीम इस्लामी कान्फ़्रैंस (ओ आई सी) के चोटी इजलास का आज क़ाहिरा में आग़ाज़ हुआ जहां आलमे इस्लाम के 26 देशों के सरबराहान‌ जमा हुए हैं। सिनेगाल के सदर मैकीसाल‌ और मिस्र के सदर मुहम्मद मर्सी ने चोटी इजलास से इफ़्तिताही ख़िताब किया। मुहम्मद मर्सी ने कहा कि आलमे इस्लाम को आए दिन मुख़्तलिफ़ चैलेंज्स का सामना है।

उन्होंने मुल्क शाम में सयासी बोहरान के हवाले से कहा कि चोटी इजलास के एजंडे में ये सर-ए-फ़हरिस्त है। सदर इरान महमूद अहमदी निज़ाद के तारीख़ी दौरा मिस्र ने इस चोटी इजलास की अहमियत को और भी बढ़ा दिया है। मुहम्मद मर्सी ने कहा कि मुल्क शाम जल रहा है और हमारे दिल तड़प रहे हैं।

उन्होंने कहा कि इस मुल्क में सयासी अमल तमाम फ़रीक़ैन को शामिल करते हुए जल्द अज़ जल्द शुरू किया जाना चाहीए और किसी भी जमात यह ग्रुप को सयासी यह मसलकी बुनियाद पर अलैहदा नहीं किया जाना चाहीए। उन्होंने मशरिक़-ए-वुसता में अमन के क़ियाम के लिए इसराईल,फ़लस्तीन तनाज़ा की यकसूई को नागुज़ीर क़रार दिया।

गुज़िश्ता नवंबर में अक़वाम-ए-मुत्तहिदा में फ़लस्तीन को मुबस्सिर का मौक़िफ़ मिलने की सताइश करते हुए उन्होंने कहा कि मुशतर्का कोशिशों के बगैर ऐसा मुम्किन नहीं था। मुहम्मद मर्सी ने इस्लाम की एतिदाल पसंदी का हवाला देते हुए कहा कि इलाक़े में बढ़ती गिरोह बंदियों से निमटने के लिए एतिदाल पसंदी की राह इख़तियार की जानी चाहीए।

उन्होंने दुनिया भर में इस्लाम की शबीहा बिगाड़ने की कोशिशों का हवाला देते हुए कहा कि इस्लाम और मुसलमानों के बारे में गलत फहमियों का अज़ाला ओ आई सी अरकान की अहम ज़िम्मेदारी है। उन्होंने आलमे इस्लाम को उस वक़्त दरपेश मआशी जमूद का भी हवाला दिया। उन्होंने कहा कि अपने दौर-ए-सदारत में वो इस्लामी इदारों और तनज़ीमों के बीच मे इत्तिहाद-ओ-तआवुन के लिए अन्थक कोशिश करते रहेंगे।

सऊदी अरब के शाह अबदुल्लाह बिन अबदुलअज़ीज़ ने ओ आई सी चोटी इजलास में अपना पयाम रवाना किया। शहज़ादा सलमान बिन अबदुलअज़ीज़ ने ये पयाम पढ़ कर सुनाया जिस में उन्होंने कहा कि अक़वाम-ए-मुत्तहिदा सलामती कौंसल फ़लस्तीन और शाम में क़ियाम अमन में नाकाम रही। उन्होंने कहा कि अरब इसराईल तनाज़ा मुस्लिम मुमालिक को दरपेश सब से बड़ा चैलेंज है और सऊदी हुकूमत ने फ़लस्तीन-ओ-शाम के मसाइल से निमटने के लिए काफ़ी कोशिशें भी की हैं।

उन्होंने कहा कि शाम में अवाम पर मज़ालिम और जराइम में काफ़ी इज़ाफ़ा होगया है, इन हालात में आलमे इस्लाम की ये ज़िम्मेदारी है कि वो अपनी ख़ामोशी ख़त्म करे। ओ आई सी के दो रोज़ा चोटी इजलास के आलामीया के मुसव्वदा में बिलखुसूस शाम का ज़िक्र करते हुए कहा गया कि अपोज़ीशन जमातों और तशद्दुद की कार्यवाईयों में मुलव्विस ना रहने वाले सरकारी ओहदेदारों के बीच मे मुज़ाकिरात यक़ीनी बनाए जाएं।

मुसव्वदा में सदर शाम बशारुलअसद का ज़िक्र नहीं किया गया लेकिन जारी तशद्दुद के लिए उन की हुकूमत को ज़िम्मेदार क़रार दिया गया है। मुसव्वदा में शाम के हुक्काम की कार्यवाईयों के नतीजे में बेक़सूर शहरियों के क़त्ल-ए-आम की मुज़म्मत की गई। इस के इलावा अपोज़ीशन इत्तिहाद पर ज़ोर दिया गया कि वो उबूरी हुकूमत की तशकील का अमल तेज़ करे। इमकान है कि इजलास के आख़िरी दिन इस आलामीया को मंज़ूरी दी जाएगी।