बांग्लादेश में जंग ए आज़ादी के दौरान जंगी जराइम को अंजाम देने के खाती जमात-ए-इस्लामी लीडर अब्दुल कादिर मुल्ला को फांसी दिए जाने के बाद भड़के तशद्दुद में कम से कम पांच लोगों की मौत हो गई और तकरीबन 150 गाद्.इयों को आग के हवाले कर दिया गया |
1971 की आजादी की लड़ाई में जंगी जराइम के लिए फांसी की सजा पाने वाले मुल्ला पहले सियासदां है | जमात-ए-इस्लामी ने इसे सियासी कत्ल करार दिया है | बीडीन्यूज24.कॉम की खबर के मुताबिक फरीदपुर जिले के जिला मजिस्ट्रेट मोहम्मद मामुन शिबली ने बताया कि सुबह तकरीबन 4:20 बजे जिले के अमीराबाद गांव की पुश्तैनी कब्रगाह में इन्हे दफनाया गया |
जिला मजिस्ट्रेट की देखरेख में मुल्ला की तदफीन हुई | मीरपुर के कसाई के नाम से बदनाम 65 साला जमाते इस्लामी लीडर को जुमेरात की रात फांसी दी गई | इससे पहले सुप्रीम कोर्ट ने दिन में इनकी Review petition खारिज कर दी थी |
सतखिरा के इजाफी पुलिस सुप्रीटेंडेंट जोएब चौधरी ने कहा कि जमात और इसके स्टूडेंट्स् यूनियन और तालिब ए इल्म कैम्प के कारकुनो ने मुल्ला को फांसी मिलने के बाद जिले के कई इलाकों में आवामी लीग हामियों और अक्लियतों के कई घरों और तिजारती इदारो में आगजनी, तोड़फोड़ और लूटपाट की |