दिफ़ाई शराकतदारी को बढ़ाने की अपनी सुई के तहत हिन्दुस्तान और अमरीका ने एडवांस्ड डीफ़ैंस टेक्नालोजीज़ और सिस्टम्स में तआवुन और इश्तिराक वाले प्रोजेक्टों के शोबों की आइन्दा एक साल में निशानदेही कर लेने पर इत्तेफ़ाक़ किया है। बाहमी दिफ़ाई तआवुन की सताइश और दिफ़ाई ताल्लुक़ात में ताहाल महसला पेशरफ़्त पर इतमीनान ज़ाहिर करते हुए वज़ीर-ए-आज़म डाक्टर सिंह और सदर ओबामा ने कल जारी करदा मुशतर्का बयान में दोनों तरफ़ से मज़ीद जामि दिफ़ाई तआवुन की ज़रूरत पर ज़ोर दिया है।
दोनों क़ाइदीन ने जुमा को वाईट हाउज़ में अपनी मुलाक़ात के बाद मुशतर्का आलामीया बराए दिफ़ाई तआवुन की ऐसे वसीले के तौर पर तौसीक़ की जो डीफ़ैंस टेक्नालोजी की मुंतक़ली, रिसर्च, इश्तिराकी फ़रोग़ और तआवुन में दोनों मुल्कों की शराकतदारी को बढ़ाएगा।
* अमरीकी इमिग्रेशन क़ानून में तबदीलीयों के बारे में हिन्दुस्तान की तशवीश से वाक़िफ़ कराते हुए वज़ीर-ए-आज़म डाक्टर सिंह ने सदर ओबामा को बताया कि मुजव्वज़ा तबदीलीयों के बाअज़ पहलू का हिन्दुस्तानी आई टी प्रोफेशनल्स पर असर होगा, जिस पर अमरीका ने वाअदा किया कि इस तशवीश का जायज़ा लिया जाएगा।
* वज़ीर-ए-आज़म डाक्टर सिंह और सदर ओबामा ने तबदीली आब-ओ-हवा के आलमी मसlले से निमटने के मामले में बाहमी तआवुन को फ़रोग़ देने के लिए एक जवाइंट वर्किंग ग्रुप की तशकील का ऐलान किया है। कल दोनों क़ाइदीन की मुलाक़ात के बाद जारी करदा मुशतर्का बयान के ज़रीये ये ऐलान सामने आया। इस इक़दाम का मक़सद अमल पर मबनी तआवुन को फ़रोग़ देना और आगे बढ़ाना है।