पाकिस्तान की एक खुसूसी अदालत ने साबिक सदर परवेज मुशर्रफ को गद्दारी के एक मामले में 18 फरवरी को पेश होने का हुक्म दिया है। मुशर्रफ एक बार फिर जुमे के रोज़ अदालत के सामने पेश होने में नाकाम रहे। मुशर्रफ रावलपिंडी के एक फौजी अस्पताल में दो जनवरी से ही शरीक हैं। साल 2007 में इमरजेंसी लागू करने और आईन को मुअत्तल करने के इल्ज़ाम में साबिक फौजी सरबराह पर गद्दारी का मुकदमा चलाया जा रहा है। इसमें उनको मौत की सजा भी हो सकती है।
जियो न्यूज के मुताबिक तीन जजों की बेंच के सदर जस्टिस फैसल अरब ने जुमे के रोज़ मुशर्रफ को हाजिरी से छूट देने की दरखास्त को कुबूल कर लिया। मामले की अगली सुनवाई 10 फरवरी को होगी लेकिन साबिक सदर मुशर्रफ को उसमें हाजिर होने की कोई जरूरत नहीं है। सुनवाई के दौरान मुशर्रफ के वकील ने कहा कि इस मामले पर भी फैसला किया जाना चाहिए कि उनका मुकदमा एक फौजी अदालत में चलाया जा सकता है या नहीं। मुशर्रफ के वकील अनवर मंसूर ने अदालत को यकीन दिया कि उनका मुवक्किल 18 फरवरी को अदालत के सामने हाजिर होगा।
अनवर ने कहा कि अस्पताल से छुट्टी मिलने के बाद परवेज मुशर्रफ अदालत के सामने पेश होंगे। जस्टिस फैसल अरब ने कहा कि अगर शर्रफ फिर अदालत के रूबरू (समने) पेश होने में नाकाम हुए तो उनके खिलाफ फिर गिरफ्तारी वारंट जारी किया जाएगा। अदालत ने 31 जनवरी को उनके खिलाफ गिरफ्तारी वारंट जारी किया था और इलाज के लिए गैर मुल्क जाने की उनकी दरखास्त को खारिज कर दिया था।