मुशर्रफ ने खुसूसी अदालत की तश्कील को दी चुनौती

साल 2007 में इमरजेंसी लगाने को लेकर बगावत के इल्ज़ामात का सामना कर रहे पाकिस्तान के साबिक तानाशाह परवेज मुशर्रफ ने अपने उपर मुकदमे की सुनवाई के लिए खुसूसी अदालत की तश्कील किए जाने के खिलाफ आज एक अपील दायर की। बगावत के इल्ज़ाम में कल उनके खिलाफ अदालत में सुनवाई होने वाली है।

इस्लामाबाद हाई कोर्ट में दायर दरखास्त में खुसूसी अदालत के खिलाफ मुशर्रफ की तीन साबिक दरखास्त को खारिज किए जाने के जस्टिस रियाज अहमद खान के फैसले को चुनौती दी गई है।

मुशर्रफ की कानूनी टीम के एक अहम मेम्बर मोहम्मद अली सैफ ने पीटीआई को बताया कि उन्होंने 23 दिसंबर के उस अदालती हुक्म के खिलाफ एक अपील दायर की है, जिसने उनकी साबिक दर्खास्तो को खारिज कर दिया था। हमने अब एक बडी बेंच के सामने दरखास्त दायर की है।

दरखास्त के जरिए हाई कोर्ट से खुसूसी अदालत के कामकाज पर रोक लगाने को कहा गया है। साथ ही यह भी कहा गया है कि मुशर्रफ के खिलाफ मुंसिफाना सुनवाई होनी चाहिए। इसलिए मुकदमा एक फौजी अदालत में चलाया जाना चाहिए।

मुशर्रफ ने खुसूसी अदालत की तश्कील को वज़ीर ए आज़म नवाज शरीफ और साबिक चीफ जस्टिस इफ्तिखार चौधरी की मिली साजिश करार दिया। इसलिए, इस अदालत को काम नहीं करने देना चाहिए।गौरतलब है कि मुशर्रफ पर 2007 में इमरजेंसी लगाने और आईन को मुअत्तल करने का इल्ज़ाम है। वह फौज के पहले जनरल हैं जो ऐसे इल्ज़ामात का सामना करेंगे और इस मामले में खाती ठहराए जाने पर उन्हें उम्र कैद या मौत की सजा हो सकती है।