मुशर्रफ़ अदालत में हाज़िर होने से क़ासिर, बम दस्तयाब

साबिक़ सदर पाकिस्तान जेनरल परवेज़ मुशर्रफ़ के ख़िलाफ़ आला सतही साज़िश के मुक़द्दमा की समाअत करने वाली ख़ुसूसी अदालत ने ओहदेदारों को हिदायत दी थी कि उन्हें कल अदालत के इजलास पर पेश किया जाए लेकिन वो अपनी क़ियामगाह के क़रीब एक बम दस्तयाब होने के बाद मुक़द्दमा की समाअत के लिए पेश होने से क़ासिर रहे।

70 साला परवेज़ मुशर्रफ़ पर मुक़द्दमा को मुंतख़िबा सीविलियन हुकूमत और ताक़तवर फ़ौज के दरमयान ताल्लुक़ात की आज़माईश समझा जा रहा है।

साबिक़ फ़ौजी हुकमरान पर इल्ज़ाम आइद किया गया है कि उन्हों ने पाकिस्तान के दस्तूर को मुअत्तल कर दिया, अपना मातहत बना दिया और उस की ख़िलाफ़वर्ज़ी की।

नवंबर 2007 में मुल्क में एमरजेंसी नाफ़िज़ की और आलातर अदालतों के जजेस को हिरासत में ले लिया। अगर मुशर्रफ़ मुजरिम क़रार दिए जाएं तो उन्हें सज़ाए मौत या उम्र क़ैद भी हो सकती है।