मुशायरा में बंदूक़ बर्दारों का हमला , हिंदूस्तानी शारा-ए-महफ़ूज़

हिंदूस्तानी शारा-ए-मंज़र भोपाली और इक़बाल अशअर उन लोगों में शामिल हैं जो बाल बाल महफ़ूज़ रहे जब जुनूबी पाकिस्तानी बंदरगा ही शहर कराची में एक मुशायरा में नामालूम बंदूक़ बर्दारों ने हमला किया ।

इनमें से एक शायर मंज़र भोपाली जो भोपाल के मारूफ़ उर्दू शायर हैं , ने बताया कि हम एतवार की रात कराँची के क्लिफ्टन इलाक़ा में मुशायरा गाह के बाहर थे कि फायरिंग शुरू हो गई । लोग ख़ौफ़-ओ-हरास में दौड़ने लगे और हमें भी कुछ देर के लिए आसरा लेना पड़ा ।

यहां तक कि हमें मुंतज़मीन और पुलिस ने महफ़ूज़ मुक़ाम तक पहूँचा दिया ।भोपाली और अशअर के इलावा वसीम बरेलवी और राहत इंदोरी भी मुशाविरों में हिस्सा लेने गए थे । ज़राए ने कहा कि कम अज़ कम एक शख़्स इस हमला में हलाक हुआ जो तक़रीबन एक दर्जन बंदूक़ बर्दारों ने किया ।

बताया जाता है कि सयासी रक़ाबत इस हमला के पसेपर्दा असल वजह है । इस मुशायरा का एहतेमाम मुत्तहदा क़ौमी मूवमेंट की यूनिट ने किया था जबकि ये जमात कराँची के उर्दू दां मकीनों की नुमाइंदा पार्टी है ।