मुशायरे में बोले मशहूर शायर-भारत-पाक के बीच तनाव का असर कलाकारों के दौरों पर नहीं पड़ना चाहिए

नई दिल्ली- कुलभूषण जाधव को फांसी की सज़ा दिए जाने के बाद एक बार फिर भारत-पाकिस्तान के बीच तनाव बड़ गया है। भारत सरकार पर पाकिस्तान के खिलाफ़ सख्त कार्रवाई की मांग की जा रही है। लेकिन देश के शायर चाहते हैं कि राजनीति के दायरे से हटकर दोनों देशों के बीच सांस्कृतिक आदान प्रदान और कलाकारों के दौरे जारी रहने चाहिए।
जावेद अख्तर समेत कई शायरों ने मुशायरे में शेर और नज्मों से लोगों की खूब वाहवाही बटोरी। सालाना मुशायरे का यह 19वां साल था और यह पहला मौका था जब भारत-पाक के बीच बढ़ते तनाव की वजह से इसमें किसी पाकिस्तानी शायर ने शिरकत नहीं की।
कार्यक्रम में मौजूद शायरों ने तनाव के बावजूद भारत और पाकिस्तान के बीच सांस्कृतिक आदान-प्रदान की वकालत की। शायर इस बात पर सहमत थे कि पाकिस्तान से शायरों को मौजूदा हालात में किसी आयोजन के लिये बुलाना मुसीबत से कम नहीं।
पॉपुलर मेरठी’ के नाम से मशहूर शायर सैयद एजाजुद्दीन शाह ने कहा, ‘‘जब पाकिस्तानी शायर आते थे तो यह विशाल सम्मेलन हुआ करता था। उन्हें अब बुलाया जाता है तो माहौल असहज हो जायेगा, लोग इसका विरोध करने लगेंगे।’’ शाह के सुर से सुर मिलाते हुये मुंबई के युवा उर्दू शायर हुसैन हैदरी ने कहा कि संस्कृति और सियासत को अलग-अलग रखा जाना चाहिये।