हैदराबाद 23 दिसंबर: तेलंगाना पुलिस के सरबराह अनुराग शर्मा ने कहा कि मुसलमानों में यक्का-ओ-तन्हा कर दिए जाने का एहसास पाया जाता है क्युं कि समाजी और मआशी फ़वाइद उन तक नहीं पहूंच पारहे हैं।
कोई भी दहश्त गिरदाना हमले के बाद इस कम्यूनिटी के नौजवानों की अंधा धुंद गिरफ्तारियां और मुसलमानों को समाजी-ओ-मआशी महाज़ पर अलग-थलग कर देने के नतीजे में अक़लियतों में कट्टर पसंदी पैदा हो रही है।
डायरेक्टर जनरल आफ़ पुलिस (डी जी पी) की भोज (गुजरात) में मुनाक़िदा कांफ्रेंस जो इतवार को ख़त्म हुई, इस में पेश करदा मुख़्तलिफ़ ख़ाकों और वहां किए गए ग़ौर-ओ-ख़ौज़ का ये मौज़ू रहा। इंटेलिजेंस ब्यूरो के ज़ेरे हतेमाम इस सालाना मीट में दाख़िली सलामती के मुख़्तलिफ़ पहलूओं पर 10 ख़ाके पेश किए गए जबकि एक ख़ाका कट्टर पसंदी के मौज़ू पर रहा जो तेलंगाना डी जी पी अनुराग शर्मा ने पेश किया और ये इस्लामिक स्टेट की तरफ़ से धमकीयों के तनाज़ुर में निहायत कलीदी ख़ाका रहा।
उन्हों ने कहा कि इन तमाम पहलूओं के पेशे नज़र उस कम्यूनिटी का कट्टर पसंदी की तरफ़ मीलान पैदा हो गया है।
अनुराग शर्मा ने 2007 के मक्का मस्जिद बम धमाकों का हवाला दिया। इन्होंने निशानदेही की कि इन धमाकों के फ़ौरी बाद किस तरह पुलिस ने मुस्लिम नौजवानों को गिरफ़्तार कर लिया जो आख़िर-ए-कार बेक़सूर साबित हुए। ये धमाके दरहक़ीक़त हिंदू तन्ज़ीमों ने किराए थे।