मुसलमानों की तरक़्क़ी के लिए 12 फ़ीसद तहफ़्फुज़ात ज़रूरी

हैदराबाद 30 दिसंबर: चीफ़ मिनिस्टर के चन्द्रशेखर राव‌ ने यक़ीनन चुनाव से पहले मुसलमानों को 12 फ़ीसद तहफ़्फुज़ात देने का ऐलान किया था लेकिन 14 महीने तक मुस्लमान ख़ामोश बैठे रहे और किसी ने भी चीफ़ मिनिस्टर को उनके किए गए वादे याद नहीं दिलाए।

मेरी नज़र में मुस्लमान भी अब तक तहफ़्फुज़ात ना मिलने के ज़िम्मेदार हैं।आमिर अली ख़ान ने यल्लारेड्डी में 12 फ़ीसद तहफ़्फुज़ात की शऊर बेदारी में हिस्सा लेते हुए इन ख़्यालात का इज़हार किया। उन्होंने कहा कि 12 फ़ीसद तहफ़्फुज़ात शुरू करने में मेरी ख़ुदग़रज़ी ये है कि अगर 12 फ़ीसद तहफ़्फुज़ात हुकूमत जल्द दे देती है तो इस से मेरे ख़ानदान की बख़शिश हो सके।

उन्होंने कहा कि 12 फ़ीसद तहफ़्फुज़ात से कम अज़ कम 18 हज़ार मुस्लिम ख़ानदानों के हालात सुधर जाऐंगे। ये तो एक वक़्त का फ़ायदा है लेकिन हर साल कम अज़ कम 25 हज़ार मुस्लिम नौजवान तलबा-ए-ओ- तालिबात को मुफ़्त प्रोफेशनल ग्रेजुएट बनने का मौक़ा मिल सकेगा।

एक हदीस का मफ़हूम ये है कि अगर कोई मुस्लमान बग़ैर किसी ग़रज़ के किसी दूसरे मुस्लमान के लिए दुआ करता है तो उस के लिए दो लाख फ़रिश्ते दुआ करते हैं। 12 फ़ीसद तहफ़्फुज़ात की मुहिम भी इसी नीयत के साथ सियासत ने शुरू की और जितने लोग इस में शरीक हो रहे हैं, मैं समझता हूँ कि उनके लिए भी ये एक सवाब जारीया का काम है।

अगर मुस्लमान मुत्तहदा तौर पर जद्द-ओ-जहद करें तो तहफ़्फुज़ात मिल सकते हैं। ये किसी आमिर अली ख़ान के बस की बात नहीं है। मैं हैदराबाद से यल्लारेड्डी या तेलंगाना का कोई और मक़ाम का दौरा करसकता हूँ , आप में शऊर बेदार करने की कोशिश करसकता हूँ, इस से ज़्यादा में कुछ नहीं करसकता। आप लोगों के इक़दाम से ही तहफ़्फुज़ात मिल सकते हैं।

मेरा आप लोगों से मुतालिबा ये है कि पार्टी-ओ-मसलकी वाबस्तगी मुस्लमान इस तहरीक में शामिल होजाएं तू ही हमें कामयाबी मिल सकती है। मुस्लमान अक्सर ईदैन और मुक़द्दस रातों के वक़्त अवामी नुमाइंदों और सरकारी ओहदेदारों से क़ब्रिस्तान की दीवार , क़ब्रिस्तान में लाईटिंग का मुतालिबा छोड़कर क़ौम के मुफ़ाद की ख़ातिर अपने अपने इलाके में रोज़गार की फ़राहमी और तालीमी तरक़्क़ी का मुतालिबा करें तो ही मुस्लिम क़ौम की तरक़्क़ी हो सकती है।