मुसलमानों की बढती आबादी पर RSS ने फिक्र जताया

रांची: मरदुमशुमारी के हाल के आंकड़ों में मुस्लिम आबादी 17 करोड़ से ज़्यादा दर्ज किये जाने के मद्देनजर राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के अखिल भारतीय कार्यकारी मंडल की कल से शुरू हो रही तीन रोज़ा बैठक में आबादी में इज़ाफा और अदम तवाज़ुन की बात कहते हुए इस मौज़ू पर ध्यान देने के लिए एक तजवीज पेश किया जा सकता है.

संघ के मनमोहन वैद्य ने मीडिया से खिताब करते हुए कहा कि हाल ही में आये मरदुमशुमारी के आंकड़े आबादी में इज़ाफा में अदम तवाआज़ुन दिखाते हैं.

उन्होंने कहा कि बैठक में इस मौज़ू पर गहराई से बात चीत किया जाएगा और इस ताल्लुक में एक तजवीज पास किया जा सकता है. बैठक में संघ के चीफ्र मोहन भागवत समेत तंजीम के आला ओहदेदादर हिंस्सा लेंगे. पिछले दिनों जारी मरदुमशुमारी के आंकड़ों के मुताबिक मुस्लिम फिर्के की आबादी 2001 से 2011 के बीच 10 साल में 0.8 फीसद इज़ाफा के साथ 17.22 करोड़ पहुंच गयी, वहीं हिंदुओं की आबादी इस मुद्दत में 0.7 फीसद कमी के साथ 96.63 करोड़ रह गयी.

वैद्य ने उपमन्यु हजारिका कमीशन की इस रिपोर्ट पर भी मुल्कगीर बहस की जरूरत बताई कि बांग्लादेश से गैरकानूनी तरीके से फरार होने की वजह से 2047 तक असम में मुकामी आबादी के सिमटकर अक्लियती हो जाने का खतरा है. उन्होंने कहा, हाल में हजारिका कमीशन की रिपोर्ट ने असम और बंगाल में बदलती आबादी के हालात के बारे में चौकाने वाली जानकारी दी है. अगर यही रुझान जारी रहा तो हिंदुस्तानियों की आबादी कम हो जाएगी और गैर मुल्क की आबादी बढ जाएंगी.