पुराना शहर हैदराबाद में यौम स्याह और एहतेजाज के दौरान मक्का मस्जिद के करीब आज हिंदु नौजवान की तख़रीब कारी ने एक बड़ी साज़िश को ज़हिर करदिया है।
जैसा कि ख़ुद सिटी पुलिस कमिशनर 6 दिसमबर के दिन तशद्दुद और फ़िर्कावाराना नवीत के वाक़ियात का ख़दशा ज़ाहिर कर रहे थे । इस हिंदु नौजवान की सरगर्मी ने इन तमाम ख़दशात को हक़ीक़ी शक्ल दे दी।
ताहम पुलिस का उस नौजवान से सुलूक जांबदारी का मज़हर तसव्वुर किया जा रहा है और शहर में इस बात का ख़ौफ़ पाया जाता है कि मक्का मस्जिद हनूज़ हिंदु दहश्तगर्दी के निशाने पर तो नहीं है ? जहां बार बार मस्जिद में दाख़िले की कोशिश और इश्तिआल पैदा करने की कोशिश जारी है और दहश्तगर्द अनासिर अपनी मुसलसिल कोशिशों में जुटे हुए हैं कि शहर की गंगा जमुनी तहज़ीब की रिवायत को तोड़ कर समाज में तफ़रीक़ पैदा करते हुए अपने अज़ाइम को पूरा किया जा सके और इस के लिए भेस बदल कर वक़फे वक़फे से इक़दामात किए जा रहे हैं।
विज्य कुमार जिस को मुक़ामी नौजवान ने जो एहतेजाजी नौजवानों को समझाने की कोशिश कर रहे थे इस हिंदु नौजवान विजय् कुमार को पकड़ लिया और पुलिस के हवाले करदिया। जिस के सर पर ज़ख़म आया था। गले में अल्लाह का लॉकेट पहने काले शर्ट ज़ेब तन किए हुए नमाज़ियों की सफ़ों में एहतेजाजियों के साथ दौड़ लगाते हुए नारा बुलंद करने वाला ये हिंदु नौजवान आख़िर कौन है।
इस का क्या मंसूबा था जो मक्का मस्जिद पहूँचा। एक एसे वक़्त जबकि तहदेदात इमतिनाई अहकामात के बाद हमेशा मक्का मस्जिद में नमाज़ जुमा अदा की एसे वक़्त इस हिंदु नौजवान का आख़िर यहां क्या काम है।
इस वाक़िये पर फ़ौरी हरकत में आने वाली पुलिस ने इस नौजवान को दफ़ा के इक़दामात शुरू करदिए हैं। एक आला पुलिस ओहदेदार का कहना हैके मुक़ामी पुलिस ने नमाज़ियों की वीडियोग्राफी के लिए उसे मुक़र्रर किया था। ताहम इस ओहदेदार ने ये भी कहा कि इस नौजवान को मुक़र्रर नहीं किया जाना चाहीए था।
पुलिस के इस आला ओहदेदार के बयान और साउथ ज़ोन पुलिस की क़लई एक बार फिर खुल गई और पुलिस में छपे हुए फ़िर्कापरस्त चेहरे भी इस से ज़हिर होसकते हैं।
अगर पुलिस की तरफ से विजय कुमार को वीडियोग्राफी के लिए रखा गया था तो वो पथराव करता दूसरे वीडियो ग्राफ़रस के कैमरों में क्यों कैद होगया। वीडियो ग्राफ़रस के हाथ में कैमरा होता है लेकिन विजय् कुमार के हाथ में पत्थर थे और वो पुलिस का आदमी होता तो फिर इस ने पुलिस पर पथराव क्यों किया जिस के साबुत मौजूद हैं।
अगर वाकके पुलिस ने मुक़र्रर किया था तो क्या पुलिस तशद्दुद बरपा करना चाहती थी। अगर उस नौजवान को पुलिस ने नहीं रखा था तो फिर पुलिस को चाहीए कि वो उसकी आला सतह तहकीकात करदे और अकलियतों में पाई जाने वाली बे चैनी को दूर करे और अवाम में पुलिस के ताल्लुक़ से गैर जांबदारी के एतेमाद को बहाल करे। बावसूक़ ज़राए के मुताबिक़ उस नौजवान का ताल्लुक़ राजिस्थान से बताया गया है।
जो मुग़लपूरा इलाके का साकन है। जो नमाज़ियों के साथ साथ था और पुलिस पर पथराव कर रहा था। पुलिस के बावसूक़ ज़राए का कहना हैके विजय कुमार माइतरी का रुकन है।
पुराने शहर के बेशतर इलाक़ों में ख़ुद माइतरी कमेटी के अरकान ने काले झंडियां निकाल दिए तो फिर विजय कुमार को काला शर्ट पहने के लिए इजाज़त किया कोई ख़ास वजह थी।
हैदराबाद की तारीख़ी मक्का मस्जिद के करीब एहतेजाज के दौरान साबिक़ में पुलिस मुलाज़िमीन और पुलिस के मखबिरों पर पथराव के संगीन इल्ज़ामात पाए जाते हैं जो विजय कुमार जैसे नौजवान के ज़रीये तो नहीं करवाए जाते। एसे शकूक-ओ-शुबहात के अलावा कई एक सवालात आज उस नौजवान की गिरफ़्तारी के शहरियों के दरमियान गशत कर रहे थे जो पुलिस की तहकीकात के बाद ही हक़ीक़त से एक फैसले पर पहूंचेंगे और शहर की पुस को अपनी गैर जांबदारी और समाज दोस्त साबित करने के लिए इक़दामात करने होंगे।