शिवसेना प्रमुख बाल ठाकरे ने वर्तमान राजनीति के बहाने प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह, बिहार के सीएम नीतीश कुमार और मुलायम सिंह को निशाने पर लिया है। उन्होंने आजाद मैदान पर हुए दंगे को लेकर कहा कि धर्मांध मुसलमानों ने इसकी साजिश रची थी और ऐसे लोगों को मैं छोड़ने वाला नहीं हूं। नीतीश पर मुस्लिम वोटों की राजनीति करने का आरोप लगाते हुए उन्होंने पूछा है कि मोदी को बिहार क्यों नहीं आने देते? शिवसेनाप्रमुख ने कहा कि नीतीश मनहूस राजनीति कर रहे हैं।
‘दोपहर का सामना’ में छपे इंटरव्यू के दूसरे हिस्से में बाल ठाकरे ने मुसलमानों के खिलाफ जमकर आग उगली है। उन्होंने कहा,’आजाद मैदान का दंगा पूर्व नियोजित था और इसकी साजिश पहले ही रची जा चुकी थी। 1992 में बाबरी मस्जिद गिरने के बाद पहली बार धर्मांध मुसलमान हिंसक होकर सड़कों पर उतरा।’ ठाकरे ने पूछा है कि बाबरी मस्जिद यूपी में गिरी, तो दंगा मुंबई में क्यों हुआ?
उन्होंने कहा कि गोधरा कांड को कोई कैसे भूल सकता है? साबरमती एक्सप्रेस के तीन डब्बों को सुनियोजित तरीके से जला दिया गया। अगर अयोध्या में कुछ होता है और उसका रिएक्शन मुंबई में होता है, तो गोधरा में जो कुछ हुआ और उसका रिएक्शन अहमदाबाद में हुआ तो उस पर बवाल क्यों मचाते हो?
इस सवाल पर कि पाकिस्तान में उनके नाम का खौफ है, ठाकरे ने कहा, हां है। मैं एक बार गुस्से में आ गया तो एक भी धर्मांध, पाकिस्तानी और बांग्लादेशी मुसलमान को कम-से-कम महाराष्ट्र में तो नहीं रहने दूंगा। उन्होंने कहा कि मेरे हाथ में सेना दो मैं देश में रहने वाले पाकिस्तान समर्थक मुसलमानों को एक महीने में सीधा कर दूंगा। उन्होंने कहा कि देश में ढोल पीटने की नई राजनीति भी चल रही है, जिसे लालू ने जन्म दिया।
आपको बिहारी ठहराने की राजनीति हो रही है? इस पर ठाकरे ने कहा यह हास्यास्पद है। उन्होंने कहा कि अब देखना है हमें अमेरिकन कौन ठहराता है। ठाकरे के पूर्वज अमेरिका से कब भारत आए थे, अब यह देखना है। उन्होंने कहा कि लोकसभा चुनाव 2014 से पहले ही हो जाएंगे।
मुस्लिम तुष्टीकरण की राजनीति पर वार करते हुए शिवसेना सुप्रीमो ने कहा कि मुलायम सिंह मुल्ला है और बिहार में नीतीश कुमार का भी अपना हिसाब-किताब है। उन्होंने कहा कि बिहार में मुसलमानों ने नीतीश को वोट किया, जिससे वह सत्ता में आए। सूबे में मिलीजुली सरकार होने की वजह से बीजेपी के कदम भी ठिठक गए हैं और वह मुस्लिमों के खिलाफ कोई मुद्दा जोर-शोर से नहीं उठाती है। गुजरात दंगे की वजह से नीतीश कुमार बिहार में नरेंद्र मोदी को प्रचार करने नहीं आने देते। ठाकरे ने कहा कि मुस्लिम वोटों के लिए नीतीश ने मोदी से दूरी बना ली। यह मनहूस राजनीति है।