मुसलमानों के लिए 12 फ़ीसद रिज़र्वेशन को यक़ीनी बनाया जाये

आंध्र प्रदेश हुकूमत में मआशी माली समाजी और तालीमी तौर पर सब से ज़्यादा नुक़्सान मुसलमानों का ही हुआ है। मुसलमानों की हालत इंतेहाई पसमांदा तबक़ा तक पहुंचा दी गई। सच्चर कमेटी रिपोर्ट में इन हक़ायक़ का इन्किशाफ़ किया गया है।

यहां कांफ्रेंस हाल में टी आर एस क़ाइद ज़िला परिषद को ऑपशन रुकन एडवोकेट मुहम्मद जमीलुद्दीन ने प्रिंट और इलेक्ट्रॉनिक मीडीया नुमाइंदों से ख़िताब करते हुए इन ख़्यालात का इज़हार किया । उन्होंने बताया कि रियासत के 10 अज़ला में मुस्लमान मआशी तालीमी एतेबार से अबतर सूरत-ए-हाल का शिकार हैं।

उन्होंने कहा कि के सी आर दस साल पहले मुसलमानों को 12 फ़ीसद तहफ़्फुज़ात देने का इक़तेदार में आने की सूरत में देने का वादा टी आर एस ने अपने चुनाव मंशूर में किया था।

इक़तेदार में आने के बाद क़ाइद टी आर एस-ओ-चीफ़ मिनिस्टर के सी आर ने मुसलमानों को 12 फ़ीसद रिज़र्वेशन दिए जाने के लिए ना सिर्फ़ एक क़रारदाद मंज़ूर की बल्कि उस को क़ानूनी कमेटी की हैसियत देने के लिए आई ए एस ओहदेदार की क़ियादत में एक रुकनी कमीशन आफ़ इन्क्वारी तशकील दिया जो कि एक ख़ुश आइंद इक़दाम है उन्होंने कहा कि आज करीमनगर की सूरतेहाल पर नज़र डाली जाये तो 57 एम पी डी औज़ में सिर्फ़ दो मुस्लिम हैं 57 तहसीलदारों में सिर्फ़ एक मुस्लमान है 15 सी डी एस में एक मुस्लमान और 69 स्टेशन हाउज़ ऑफीसरस में 5 मुस्लिम। दुसरे मैदानों में भी तक़रीबन यही सूरत-ए-हाल है। उन्होंने 12 फ़ीसद तहफ़्फुज़ात को यक़ीनी बनाने की ख़ाहिश की।