मुसलमानों को तहफ़्फुज़ात की फ़राहमी, हुकूमत की ज़िम्मेदारी

तेलंगाना रियासत के क़ियाम के एक साल बाद भी रियासती अवाम के चेहरों पर ख़ुशी की लहर नज़र नहीं आरही है। इन ख़्यालात का इज़हार प्रोफेसर कोदंडाराम ने महबूबनगर में मुनाक़िदा एक मीटिंग से ख़िताब करते हुए किया।

उन्होंने कहा कि तमाम तबक़ात की तरक़्क़ी तेलंगाना रियासत की तरक़्क़ी में है और तमाम मज़ाहिब के लोगों को मसावी हुक़ूक़ मिलना चाहीए, खास्कर पसमांदा तबक़ात और ग़रीब मुसलमानों को 12 फ़ीसद तहफ़्फुज़ात फ़राहम करने का वादा किया गया था।

उन्होंने कहा कि इस तहरीक को तक़वियत देने के लिए एक इन्क़िलाब लाने की ज़रूरत है, जहां तक तहफ़्फुज़ात का ताल्लुक़ है, मौजूदा हुकूमत ने आम चुनाव से पहले अपने मंशूर में 12 फ़ीसद तहफ़्फुज़ात देने का एलान किया था, जिस पर अमल आवरी हुकूमत की ज़िम्मेदारी है।

उन्होंने कहा कि दस्तूर के तहत तमाम मज़ाहिब के लोगों को मसावी हुक़ूक़ हासिल हैं, जिस का सबूत दफ़ा 15/4 और 16/4 में वाज़िह तौर पर मिलता है, जिस के तहत रिज़र्वेशन दिया जा सकता है। कई कमीशनों ने ग़रीब मुसलमानों के तहफ़्फुज़ात के ज़िमन में रिपोर्टस भी पेश की हैं।