मुल्क में तालीम के हुकुक लागू होने के बाद हुक्मरानों की नींट टूटती हुई दिख रही है। मरकज़ी हुकूमत ने अब मुसलमानों की तालीमी निज़ाम को दुरूस्त करने और ख्वांदगी की शरह (Literacy Rate) बढ़ाने के लिए मशक्कत शुरू कर दी है। हुकूमत इस काम को मौलाना आजाद तालीम-ए-बालिगान प्रोग्राम के तहत पूरा करेगी।
इस प्रोग्राम से उत्तर प्रदेश के अक्लियती भी फैजाब होंगे। मुसलमानों में Literacy Rate बढ़ाने के लिए Ministry of Human Resource Development ने साक्षर भारत मिशन के तहत मुल्क के कई जिले की निशानदेही की गयी है , जहां पर इस प्रोग्राम को चलाया जाएगा। इस ताल्लुक में रियासत उत्तर प्रदेश रिसोर्स सेंटर पर 19 नवंबर को एक रोज़ा कांफ्रेंस मुनाकिद किया जाएगा।
इस प्रोग्राम में लोगों से Literacy Rate में इज़ाफा के लिए सुझाव भी मांगे जाएंगे। साक्षर भारत मिशन प्रोग्राम से जु़डे आफिसरों ने बताया, “”साक्षर भारत मिशन प्रोग्राम के तहत मुल्क के 61 जिलों को निशानिया किया गया है। ये सभी जिले मुस्लिम अक्सरियत हैं। इस प्रोग्राम के तहत सिर्फ उन्ही जिलों को निशानदेही की गयी है जहां पर मुसलमानों की तादाद बीस फीसद से ऊपर है। उत्तर प्रदेश के 18 जिले इस प्रोग्राम में शामिल किए गए हैं।””
उन्होंने बताया कि साक्षर भारत कार्यक्रम के तहत मौलाना आजाद तालीम-ए-बालिगान प्रोग्राम चलाया जाना है, ताकि मुस्लिम अक्सरियत वाले इलाको में तालीम की शरह बढ़ाई जा सके। इसके लिए 19 नवंबर को स्टेट रिसोर्स पर सुबह 10 बजे सेक्रेटरी, Public Education Committee, Jan Shikshan Sansthan के डायरेक्टर और District Minority Welfare के आफीसर्स की एक रोज़ा बेदारी बैठक (Awareness Meetings) का मुनाकिद की जा रही है। इस बैठक में मौजूद आफीसरों से मदरसा, मकतब वगैरह की तफ्सीली मालूमात के साथ-साथ तालीम में इज़ाफे के लिए तजवीज मांगे जाएंगे।