वजीरे आला नीतीश कुमार ने कहा कि इंतिख़ाब में लीडर एक ही रट लगा रहे हैं। उन्हें बस क्रदे दे राम, दिला दे राम, पीएम की कुर्सी पर बैठा दे राम याद आ रहा है। उन्हें सिर्फ खानदान की फिक्र सता रही है, जबकि मुझे मुल्क के करोड़ों आवाम की फिक्र है। ये बातें उन्होंने कोटवा में इंतिखाबी सभा को खिताब करते हुए कहीं।
लालू प्रसाद पर तनकीद करते हुए कहा कि अब लाठी में तेल पिलाने का नहीं, हाथ में कलम और कागज रखने का जमाना है। लोग अब तरक़्क़ी चाहते हैं। सिर्फ बातों से तरक़्क़ी नहीं होने वाला। भाजपा को आड़े हाथों लेते हुए कहा कि भाजपा के किसी भी उम्मीदवार पर मुल्क के करोड़ों मुसलमानों को भरोसा नहीं है।
नीतीश ने कहा कि मुखतलिफ़ रहन-सहन और दीगर ज़ुबान से मुल्क में एक-दूसरे का इज्जत करने से मुल्क में भाईचारा और अमन का माहौल कायम होगा। भाजपा अशाअत के जरिये एक ही शख्स को महिमामंडित किया जा रहा है। उससे लगता है कि इंतिख़ाब के बाद अमीर और कारोबारी मुल्क पर कब्जा करना चाहते हैं। लेकिन, यहां की अवाम ऐसा होने नहीं देगी। उन्होंने फ़िर्क़ापरस्त और जात-पात के नाम पर लोगों से वोट न डालने की अपील कर तरक़्क़ी के लिए वोट डालने को कहा।
न रहेगा कीचड़, न खिलेगा कमल
रक्सौल में वजीरे आला ने कहा कि ये जिंदगी क्या है, मौत की अमानत है, जब चाहे ले जाए, तब कुर्सी का क्या ठिकाना। ये कुर्सी रहे या जाए, हम समझौता नहीं करने वाले। एक बार टूट गया, तो टूट गया, हमें मिट्टी में मिलना पसंद है, हाथ मिलाना नहीं। मगरीबी चंपारण से जदयू उम्मीदवार को जिताने का दरख्वास्त करते हुए कहा कि प्रकाश झा से अच्छा बिहारी कौन हो सकता है? यह फैसला आपको करना है। आप मालिक हैं, फैसला कर लीजिए। कहा- लालटेन पर चलाइए तीर और बुझा दीजिए, कीचड़ को साफ कीजिए। न रहेगा कीचड़ न खिलेगा कमल।