मुसलमानों को रिजर्वेशन देने का रास्ता निकाल लेंगे: सिद्दीकी

बिहार विधानसभा में अपोजिशन के साबिक लीडर , लालू के भरोसेमंद और आरजेडी के मुस्लिम चेहरे अब्दुल बारी सिद्दीकी अलीनगर में दोबारा इलेक्शन की मांग कर रहे हैं। मुसलमानों के लिए कोटे की वकालत करने वाले बारी कहते हैं कि अक्लियतों के कोटे पर पीएम की तरफ से दिया गया बयान गुमराह करने वाला है। बारी के मुताबिक अगर वह इक्तेदार में आते हैं तो जिन्हें पहले से रिजर्वेशन मिल रहा है, वह तो जारी रहेगा ही, साथ ही, पिछड़े मुसलमानों के लिए भी रिजर्वेशन का रास्ता निकाला जाएगा।

पीएम मोदी ने अपनी एक रैली में कहा था कि अज़ीम इत्तेहाद यानी महागठबंधन एससी, एसटी और पिछड़े लोगों के रिजर्वेशन से पांच फीसदी काटकर इसे एक ‘खुसूसी फिर्के ‘ को देगा और मोदी ने इसे एक ‘खतरनाक मंसूबा ‘ करार दिया था। इस पर सिद्दीकी ने कहा कि रियासत में पहले से लागू रिजर्वेशन पालिसी को मुतास्सिर करने का कोई मंसूबा नहीं है।

सिद्दीकी कहते हैं, ‘अगर हमारी हुकूमत बनती है तो हम मुस्लिमों को रिजर्वेशन देंगे और यह कोई गुनाह नहीं है। हम सिर्फ वही कर रहे हैं जो रंगनाथ मिश्रा और सच्चर कमिटी जैसी बॉडी ने सुझाया है। ये नौकरी और तालीम के सूबे या खित्ते में मुस्लिमों को जोड़ने की बात करते हैं। बीजेपी इस रिजर्वेशन का एहतिजाज इसलिए कर रही है, क्योंकि वह ताकत और पैसे को गरीबों के साथ नहीं बांटना चाहती है। हम रास्ता निकाल कर उन मुसलमानों को रिजर्वेशन देंगे, जो दलितों से पिछड़ी हालत में हैं।’

कई मुसलमान अज़ीम इत्तेहाद को कुदरती शैतान करार देते हैं, क्योंकि लालू और नीतीश ने उनके लिए कुछ नहीं किया। इस बात के जवाब में बारी कहते हैं कि यह इलेक्शन ‘तौहीन ‘ बनाम ‘खुद्दारी’ का है। मुस्लिम बीजेपी को जानते-समझते हैं और खासतौर पर पीएम मोदी को। मुसलमानों को यह भी मालूम है कि बीजेपी को रोकना जरूरी है।

बारी का नाम एक बार सीएम ओहदा के लिए भी उछल चुका है। इस बारे में वह कहते हैं, ‘यह बात सही है कि सेक्युलर पार्टियों में भी मुसलमानों की तादाद कम है। लेकिन, अभी उनका टार्गेट सिर्फ बिहार में बीजेपी को रोकना है। उसके बाद बाकी मुद्दों पर ध्यान दिया जाएगा।’