मुस्लिम तहफ़्फुज़ात:सुधीर कमीशन रिपोर्ट मार्च तक तैयार

हैदराबाद 26 दिसंबर:मुसलमानों की तालीमी, मआशी और समाजी पसमांदगी का जायज़ा लेने के लिए क़ायम करदा सुधीर कमीशन आफ़ इन्क्वारी ने मार्च में हुकूमत को रिपोर्ट की पेशकशी की तैयारी शुरू कर दी है।

कमीशन ने रियासत के 7 अज़ला का दौरा मुकम्मल कर लिया है और जनवरी में बाक़ी 3 अज़ला के दौरे का मन्सूबा है। कमीशन के मुताबिक़ मार्च के अवल या आखिर में हुकूमत को जामा रिपोर्ट और सिफ़ारिशात पेश कर दी जाएगी। कमीशन अपने सर्वे और नुमाइंदगियों की वसूली का जायज़ा लेने के बाद इस नतीजे पर पहुंचा है कि मुस्लमान हर शोबे में नज़र कर दिए गए लिहाज़ा उन्हें तहफ़्फुज़ात की फ़राहमी के ज़रीये ही तरक़्क़ी की जा सकता है।

मुसलमानों को तहफ़्फुज़ात की फ़राहमी की सिफ़ारिश कमीशन की तराफ से की जाएगी ताहम तहफ़्फुज़ात के फ़ीसद का इख़तियार हुकूमत पर छोड़ दिया जाएगा क्युं कि ये मुआमला क़ानून और दस्तूर से मुताल्लिक़ है। तेलंगाना में मुसलमानों को हर शोबे में नजरअंदाज़ कर दिया गया जिसके बाइस उनकी पसमांदगी में दिन बह दिन इज़ाफ़ा हो रहा है। तालीम, सनअत और सरकारी मुलाज़मतों में मुसलमानों का तनासुब इंतिहाई कम है और तेलंगाना हुकूमत के जारीये तक़र्रुत में अगर तहफ़्फुज़ात पर अमल किया जाता है तो मुस्लिम नुमाइंदगी में इज़ाफ़ा होगा।

कमीशन के मुताबिक़ मुसलमानों में अपने हुक़ूक़ को मनवाने की अहलीयत की कमी है जिसके नतीजे में ये सूरत-ए-हाल पैदा हुई है। बताया जाता है कि कमीशन आइन्दा माह अज़ला खम्मम , नलगेंडा और करीमनगर का दौरा करेगा। कमीशन ने अब तक शहर और अज़ला में जो नुमाइंदगीयाँ वसूल की हैं और मुख़्तलिफ़ इलाक़ों और इदारों का दौरा करते हुए बरसर मौक़ा सूरत-ए-हाल का जायज़ा लिया है इस के मुताबिक़ मुसलमानों की हालत इंतिहाई अबतर है।ब्यूरोक्रेसी और हुकूमतों ने भी मुसलमानों को उनका जायज़ा हक़ नहीं दिया है।