मुसलमानों को फ़ैसला साज़ी में हिस्सा लेने हामिद अंसारी की तान्क़ीद

नायब सदर हामिद अंसारी ने आज कहा कि जहां दस्तूर तमाम शहरीयों के लिए मुसावात की ज़मानत देता और जिन्स की बुनियाद पर इमतियाज़ से मना करता है, वहीं मुसलमान बिलख़ुसूस ख़वातीन तालीम और अफ़रादी क़ुव्वत में हिस्सा लेने के शोबों में दीगर के मुक़ाबिल पिछड़ रहे हैं।

उन्होंने अलीगढ़ मुस्लिम यूनीवर्सिटी में 61 वीं कॉन्वोकेशन से ख़िताब करते हुए कहा कि मुस्लिम बिरादरी की नज़रों में उन की बड़ी तर्जीहात तले की सलामती, तालीम और रोज़गार हैं। इन में से हर शोबा असबाती अमल के दाइरा-ए-कार में आता है।