मुसलमानों ने कायम की मिसाल, मंदिर को दे दी ईदगाह की ज़मीन !

मुसलमानों ने कायम की मिसाल, मंदिर को दे दी ईदगाह की ज़मीन

लखनऊ। बकरीद से एक दिन पहले 100 साल पुरानी ईदगाह की जमीन मंदिर को दान देकर मुसलमानों ने मिसाल कायम की है। अब वे ईद-बकरीद की नमाज़ पुरानी जगह से हट कर कुछ दूर पर पढ़ेंगे।
दूसरों को राह दिखाने वाली यह मिसाल कायम की है गोंडा जिले के अकबरपुर गांव के मुसलमानों ने।
उनके इस फैसले की प्रदेश भर में चर्चा है। ईदगाह की जमीन गांव के ब्रह्म बाबा मंदिर को दान में देने के बारे में फैसला लेने को मंगलवार को पंचायत बुलाई गई थी, जिसमें मुसलमानों ने सर्वसम्मति से मंदिर के हक में निर्णय लिया। एक दूसरे से सटे ईदगाह और मंदिर को लेकर हिन्दू-मुसलमानों में कभी कोई विवाद नहीं रहा है। इस लिए इतना बड़ा फैसला लेने में कहीं कोई दिक्कत नहीं आई। मंगलवार को आयोजित पंचायत का नाम ‘प्यार बांटो’ रखा।गया था।

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गांव वालों ने बताया कि अकबरपुर में ईदगाह पुरखों के जमाने से है। इससे लगते एक पुराना पीपल का पेड़ और मंदिर नुमा ढांचा है इसे स्थानीय हिन्दू ब्रह्म बाबा का स्थान मानकर पूजा करते हैं। पेड़ के फैलाव के चलते पीपल की डालें अब ईदगाह के अंदर आने लगी हैं। ईदगाह हिंदुओं को सौंपने को लेकर
रविवार को ईदगाह कमेटी सदर राजिक उस्मानी और पेश इमाम मेराज अहमद के साथ दोनों समुदायों की बैठक हुई। जिसमें मुस्लिमों ने सौहार्द कायम रखने के लिए ईदगाह पूजास्थल से हटाकर कुछ दूरी पर बनाने का फैसला लिया गया। इस फैसले पर गांव के हिन्दुओं का रिएक्शन है कि मुस्लिम भाइयों ने उनका दिल जीत लिया है। मुस्लिम समुदाय ने पीपल के पास चबूतरा और वहां तक पहुंचने के लिए खड़ंजा मार्ग बनवाने का भी फैसला किया है। जमीन की पैमाइश के लिए एडीएम के यहां अर्जी दी गई है। ग्रामीणों की आस्था है कि गांव से बाहर पीपल के पेड़ पर ब्रह्म बाबा निवास करते हैं।

यूपी से मलिक असग़र हाशमी