मुसलमानों पर दिए बयान को लेकर चुनाव आयोग ने मेनका गांधी को भेजा कारण बताओ नोटिस

उत्तर प्रदेश चुनाव आयुक्त ने मेनका गांधी के बयान पर संज्ञान लिया है और उनको नोटिस भेजा गया है. दरअसल कल यूपी के सुल्तानपुर में केंद्रीय मंत्री मेनका गांधी ने मुसलमानों को लेकर एक बयान दिया था जिस पर विवाद हो रहा है. वहीं कांग्रेस ने इसके चलते मेनका गांधी का नामांकन रद्द करने की मांग की है.

अतिरिक्त मुख्य चुनाव अधिकारी बी आर तिवारी ने कहा है कि केंद्रीय मंत्री मेनका गांधी के सुल्तानपुर में कल मुसलमानों को लेकर दिए गए बयान को लेकर चुनाव आयोग ने संज्ञान लिया है. सुल्तानपुर के डिस्ट्रिक्ट मैनेजर ने उन्हें कारण बताओ नोटिस जारी कर दिया है और इसकी रिपोर्ट चुनाव आयोग के पास भेजी गई है

हालांकि मेनका गांधी ने अब इस पर जवाब दिया है और कहा है कि मैंने अपनी माइनोरिटी सैल की बैठक बुलाई है. अगर आप मेरी पूरी स्पीच पढ़ेंगे तो आपको पता चलेगा. मेरी स्पीच का सिर्फ एक वाक्य चलाया जा रहा है जो अधूरा है

दरअसल सुल्तानपुर जिले के तुराबखानी में बीजेपी प्रत्याशी मेनका गांधी ने एक नुक्कड़ सभा की जिसमें उन्होंने विवादित बयान दिया. उन्होंने कहा, ‘मैं जीत रही हूं. लोगों की मदद और प्यार से मैं जीत रही हूं. लेकिन अगर मेरी जीत मुसलमानों के बिना होगी तो बहुत अच्छा नहीं लगेगा. क्योंकि इतना मैं बता देती हूं कि फिर दिल खट्टा हो जाता है. फिर जब मुसलमान आता है काम के लिए, फिर मैं सोचती हूं कि रहने ही दो… क्या फर्क पड़ता है. आखिर नौकरी सौदेबाजी भी तो होती है. ये नहीं है कि हम सब महात्मा गांधी की छठी औलाद हैंकि हम आएंगे और केवल देते ही जाएगे, देते ही जाएंगे और इलेक्शन में मार खाते जाएंगे. ये जीत आपके बिना भी होगी, आपके साथ भी होगी.”

उन्होंने कहा, “ये चीज आपको सब जगह फैलानी पड़ेगी. जब मैं दोस्ती के हाथ लेकर आई हूं. और आप पीलीभीत में पता कर लें कि मेनका गांधी कैसे काम करती थीं वहां. अगर आपको लगे कि कहीं भी हमसे गुस्ताखी होगी तो हमको वोट मत देना.”

बीजेपी उम्मीदवार ने कहा,”हम खुले हाथों, खुले दिल के साथ आए हैं. ये इलेक्शन तो मैं जीत चुकी हूं, अब आपको मेरी जरूरत पड़ेगी. आपको इसके लिए नींव डालना है तो ये वक्त है. आपके पोलिंग बूथ का जब आएगा रिजल्ट और उस रिजल्ट में 100 वोट निकलेंगे या 50 वोट निकलेंगे, उसके बाद जब आप काम के लिए आएंगे तो वही होगा… समझ रहे हैं आप.”