मुसलमानों से बी एस पी को वोट देने की मायावती की अपील

बहुजन समाज पार्टी इंतेख़ाबात के पेशे नज़रे अपनी हिक्मत-ए-अमली के एक हिस्से के तौर पर बरहमन राय दहनदों और मुसलमानों से रब्त पैदा कररही है जबकि बी जे पी की जानिब से यू पी में अपने अहया की अलामात नज़र आरही हैं।

बरसर-ए-इक्तदार समाजवादी पार्टी से मुज़फ़्फ़रनगर फ़सादात‌ के बाद मुसलमानों में मायूसी की लहर को बी एस पी अपने लिए एक सुनहरा मौक़ा तसव्वुर कररही है। पार्टी की सदर मायावती से क़रीब एक हिक्मत-ए-अमली के माहिर ने कहा कि मुसलमान ग़ालिबन बी एस पी का साथ देंगे क्योंकि वो मोदी को इक़तेदार से दूर रखने के लिए अपने वोट का हिक्मत-ए-अमली की बुनियाद पर इस्तेमाल करेंगे।

बी जे पी की हरीफ़ के तौर पर बी एस पी ने बरहमन राय दहनदों से आइन्दा इंतेख़ाबात से क़ब्ल रब्त पैदा करने का भी मंसूबा बनाया है और आदाद-ओ-शुमार बी एस पी के हक़ में मालूम होते हैं। मुसलमान यूपी की आबादी का 18 फ़ीसद हैं और पार्टी के अहम ताईद करने वालों में 23 फ़ीसद दलित, 9 फ़ीसद बरहमन हैं।

अगर इन में मुसलमान भी शामिल होजाएं तो बी एस पी 2007 के असेम्बली इंतेख़ाबी नताइज और 2009 के लोक सभा इंतेख़ाबी नताइज को बरअक्स करसकती है। मुस्लिम राय दहनदों को ये तैक़ून देने के लिए कि बी एस पी इंतेख़ाबात के बाद मोदी ज़ेर-ए-क़ियादत मख़लूत हुकूमत की ताईद नहीं करेगी।

मायावती ने तफ़सील से उसकी वजूहात ज़ाहिर की हैं और खुल कर एक जल्सा-ए-आम में जो उनकी सालगिरा के सिलसिले में मुनाक़िद किया गया था, कह चुकी हैं कि मर्कज़ में बी जे पी को इक़तेदार से दूर रखने के लिए मुस्लिम राय दहनदों को बी एस पी की ताईद करनी चाहिए। दलित । मुस्लिम भाई चारा की बात करते हुए उन्होंने कहा कि सिर्फ़ बी एस पी ही मुसलमानों को इक़तेदार में मुसावी हिस्सा दे सकती है।