ईरानी और इराकी नागरिक, जो अमेरिका जाने के लिए हवाई यात्रा करने वाले थे उन्हें आज हवाई जहाज़ों में बैठने नहीं दिया गया। गौरतलब है की यह घटना राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रम्प के ७ मुस्लिम देशो के नागरिको के अमेरिका में प्रवेश पर प्रतिबन्ध लगाने के बाद हुई है ।
ट्रम्प के इस कदम की दुनिया भर मे आलोचना की गयी है ।
मध्य-पूर्व से आने वाले सभी यात्रियों को आज अमेरिका जाने वाले जहाज़ों मे बोर्ड नहीं करने दिया गया और जो लोग हवाई जहाज़ों मे थे उन्हें आगमन पर ही हिरासत मे ले लिया गया था, न्यूयॉर्क टाइम्स ने बताया।
तेहरान की २ ट्रेवल एजेंसियों ने एफपी को बताया की इतिहाद एयरवेज, अमीरात और तुर्की एयरलाइंस ने उन्हें ईरानियों को अमेरिका की टिकट बेचने से मना कर दिया है और साथ मे यह भी कहा है की जिन ईरानियों को पास अमेरिकी वीसा है उन्हें अमेरिका के हवाई जहाज़ों मे न बैठने दिया जाये ।
एक ईरानी लड़की जो कैलिफ़ोर्निया मे पढ़ती है और अपने घर छुट्टियों पर आयी थी उसने बताया की वो वापिस नहीं जा पा रही क्योंकि नए प्रतिबंधों के बाद उसकी टिकेट को रद्द कर दिया गया है ।
“मेरे पास तुर्की एयरलाइंस की टिकेट थी , परंतु वो रद्द कर दी गयी है । मैंने अपने विश्विद्यालय को पत्र लिखा है और वो यह सुन कर हैरान हो गए हैं। उन्होंने कहा है की वो मुझे एक पत्र भेजेंगे जिसके बाद मैं यूरोप के द्वारा अमेरिका पहुँच सकुंगी “, लड़की ने बताया।
ईरानी राष्ट्रपति ने इस निर्णय पर कोई सीधी टिप्पड़ी नहीं करी पर ट्रम्प की निंदा करते हुए कहा की “यह वक्त देशो के बीच दीवारे बनाने का नहीं है । वो भूल चुके हैं की बर्लिन की दिवार बहुत पहले ही गिर चुकी है । यह वक्त देशो के बीच दीवारे गिराने का है।”
अमेरिका मे १ मिलियन से ज़्यादा ईरानी लोग रहते हैं ।
वहीं इजिप्ट में एक इराकी दम्पति जो अपने २ बच्चो के साथ काइरो से नईयॉर्क जा रही थी उसे इजिप्टएयर फ्लाइट में बोर्ड नहीं करने दिया गया, हवाई अड्डे के अधिकारियो का कहना था की उनके पास अमेरिकी वीसा थे ।
‘द नई यॉर्क टाइम्स’ ने बताया की २ इराकी शरणार्थी जो इस नयी घोषणा के बाद न्यूयॉर्क के जॉन ऍफ़ कैनेडी हवाईअड्डे पर पहुंचे थे उन्हें हिरासत मे ले लिया गया है । इन लोगो को हिरासत मे लिए जाने के बाद अमेरिकन सिविल लिबर्टीज यूनियन और अन्य वकालत समूहों ने ट्रम्प के आदेश को क़ानूनी चुनौती दे दी है । इन दोनों लोगो के वकीलो ने उनकी रिहाई के लिए अदालत से अपील की है और कहा है उनको गैर क़ानूनी तरीके से हिरासत मे लिया गया है ।
ट्रम्प के इस कदम की निंदा करते हुए संयुक्त राष्ट्र ने कहा की अमेरिका को शरणार्थीयो को आश्रय देने की अपनी परंपरा को कायम रखना चाहये और यह सुनिश्चित करना चाहिए की उन्हें बराबरी का हक़ मिले ।