लखनऊ 10 अक्टूबर: मोदी सरकार में अल्पसंख्यकों के साथ भेदभाव रवैया अपनाने का आरोप लगाते हुए बीएसपी प्रमुख मायावती ने मुसलमानों को समाजवादी पार्टी या कांग्रेस के पक्ष को वोट देने के खिलाफ चेतावनी दी और कहा कि इससे केवल भाजपा को फायदा होगा।
उन्होंने ज़ाफ़रानी पार्टी को रोकने के लिए मुसलमानों का समर्थन की अपील की। बहुजन समाज पार्टी (बी एस पी) संस्थापक कांशी राम की दसवीं बरसी के मौके पर रैली को संबोधित करते हुए मायावती ने कहा कि मुसलमानों को अपना वोट बर्बाद नहीं करना चाहिए। समाजवादी पार्टी आंतरिक कलह का शिकार है और कांग्रेस का उत्तर प्रदेश में कोई अस्तित्व नहीं है।
उन्होंने कहा कि केंद्र में जब से भाजपा सरकार आई है, मुसलमानों और अन्य अल्पसंख्यकों के साथ भेदभाव रखा जा रहा है। अलीगढ़ मुस्लिम विश्वविद्यालय और जामिया मिलिया इस्लामिया के अल्पसंख्यक स्टेंड छीना जा रहा है। सांप्रदायिक फरसत ताकतें मजबूत हो रही हैं और लव जिहाद, गाओ रक्षा-या धर्म परिवर्तन के नाम पर मुसलमानों को निशाना बनाया जा रहा है। मायावती ने मोदी सरकार पर नुक्ता-चीनी की।
उन्होंने स्पष्ट किया कि बीएसपी अगले साल तीन राज्यों उत्तर प्रदेश, उत्तराखंड और पंजाब में अकेले मुक़ाबला करेगी। उन्होंने जनता को किसी भी गलतफहमी का शिकार न होने की सलाह दी, क्योंकि यह अफवाहें फैलाई जा रही हैं कि बहुमत प्राप्त न होने की स्थिति में सरकार बनाने के लिए भाजपा का समर्थन हासिल की जाएगी।इन अफवाहों में कोई सच्चाई नहीं है और केवल मुसलमानों के वोट को विभाजित करने के लिए ऐसी अफवाहें फैलाई जा रही हैं।
मायावती ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी पर सर्जिकल हमलों के नाम पर भाजपा को फायदा पहुंचाने का आरोप लगाया। उन्होंने कहा कि केंद्र सरकार की नाकामियों से ध्यान हटाने के लिए भाजपा सर्जिकल स्ट्राइक के नाम पर राजनीतिक लाभ लेने में व्यस्त है।
उन्होंने कहा कि इन हमलों की सफलता का श्रेय सेना के सिर जाता है और भाजपा नेताओं के बजाय सेना का सम्मान किया जाना चाहिए। उन्होंने कहा कि ओसामा बिन लादिन को मारने की अमेरिका ने जिस तरह विज्ञापन की थी, साथ ही केंद्र सरकार सर्जिकल स्ट्राइक विज्ञापन कर रही है, हालांकि अतीत में इस तरह की सैन्य कार्रवाई हो चुकी है, लेकिन किसी सरकार ने इसका राजनीतिक लाभ नहीं उठाया।