मुसलमान चरमपंथियों पर आरोप

थाईलैंड, 27 सितंबर: मानवाधिकारों से जुड़े संगठन एमनेस्टी इंटरनेशनल ने दक्षिणी थाईलैंड में मुसलमान चरमपंथियों पर आरोप लगाया है कि वे जानबूझकर आम लोगों को निशाना बना रहे हैं.

मानवाधिकार संगठन का कहना है कि चरमपंथियों ने बार-बार इस तरह के हमले किए हैं और कुछ हमले तो युद्ध अपराध की श्रेणी में रखे जा सकते हैं.

मगर साथ ही इस समस्या पर ध्यान नहीं देने के लिए संगठन ने थाईलैंड की सरकार की भी आलोचना की है.

थाईलैंड बौद्ध देश है और 2004 से स्थानीय मलय मुसलमानों के हमलों में साढ़े चार हज़ार से ज़्यादा लोगों की मौत हो चुकी है.

एमनेस्टी ने नौ महीनों तक प्रत्यक्षदर्शियों, हमले में बचे लोगों से और थाईलैंड के सुरक्षा बलों के लोगों से बातचीत के बाद ये निष्कर्ष निकाला है कि ग़लती दोनों पक्षों की है.

इस रिपोर्ट में मुख्य ध्यान इस बात पर दिया गया है कि मुसलमान चरमपंथी थाईलैंड के चार दक्षिणी प्रांतों में आम लोगों को निशाना बना रहे हैं.

एमनेस्टी ने उन चरमपंथियों से कहा है कि वे ऐसी अवैध हत्याएँ रोकने के लिए सार्वजनिक रूप से प्रतिबद्धता व्यक्त करें.

चरमपंथियों का लक्ष्य बहुत स्पष्ट नहीं रहा है और उनका नेटवर्क भी बड़ा नहीं है और उनका अल्पसंख्यक होना ही उनकी एक परेशानी हो सकती है.

एमनेस्टी ने थाईलैंड के अधिकारियों की भी कड़ी आलोचना की है और उसमें भी ख़ास तौर पर सुरक्षा बलों की क्योंकि उन पर बर्बर अत्याचारों के आरोप हैं.

इस तरह की घटनाओं की कभी भी ठीक ढंग से जाँच नहीं हुई है और इससे लोगों की भावनाएँ ये सोचकर भड़कती हैं कि उनके साथ अन्याय हो रहा है तथा सशस्त्र संघर्ष को इससे बल मिलता है.