तांडूर, 01 फरवरी: जनाब मुहम्मद ख़ुरशीद अली मोतमिद अहले सुन्नतुल जमाअत तांडूर की इत्तेला के बमूजब तांडूर की जामा मस्जिद नई पेट में अज़ीमुश्शान जलसा मीलादुन्नबी(सल्लल्लाहु अलैहि वसल्लम) मनाया गया। बाद मग़रिब मस्जिद में ताम का इंतिज़ाम किया गया और बाद इशा जलसा मीलादुन्नबी(सल्लल्लाहु अलैहि वसल्लम) में मेहमान ख़ुसूसी मौलाना मुफ़्ती शेख़ अबदुलग़फ़ूर शेखुलतजवीद जामिआ निज़ामीया ने ख़िताब करते हुए कहा कि इस्लाम का मतलब अमन के हैं, इस्लाम दहशतगर्दी की तालीम नहीं देता।
इस्लाम पर चलने वालों को मुसलमान कहते हैं। मुसलमान दहशतगर्द नहीं हो सकता। मौलाना ने आप (सल्लल्लाहु अलैहि वसल्लम) की विलादत के वक़्त के हालात बयान करते हुए कहा कि आप (सल्लल्लाहु अलैहि वसल्लम) तमाम बच्चों की तरह पैदा नहीं हुए बल्कि अल्लाह तआला ने आप(सल्लल्लाहु अलैहि वसल्लम) को अपनी विलादत की मर्ज़ी ओ इख्तेयार अता किया था। आप (सल्लल्लाहु अलैहि वसल्लम) जब पैदा हुए तो मुस्कुराते हुए पैदा हुए।