मुसल्लह अफ़्वाज को ख़ुसूसी इख़्तेयारात का क़ानून

नई दिल्ली

जीवन रेड्डी कमेटी की रिपोर्ट मुस्तर्द करने विज़ारत-ए-दाख़िला की सिफ़ारिश

विज़ारत-ए-दाख़िला ने मुसल्लह अफ़्वाज को ख़ुसूसी इख़्तेयारात देने के मुतनाज़ा क़ानून की तंसीख़ के ख़िलाफ़ सिफ़ारिश की है। इस क़ानून को नाक़दीन ने इंतेहाई सख़्त क़रार दिया है। सिक्योरिटी से मुताल्लिक़ काबीनी कमेटी को पेश करदा एक रिपोर्ट में विज़ारत ने कहा कि जस्टिस बी पी जीवन रेड्डी कमेटी की रिपोर्ट को मुस्तरद किया जाना चाहिए । जस्टिस बी पी जीवन रेड्डी कमेटी ने अपनी रिपोर्ट में इस क़ानून को कुचलने की अलामत क़रार देते हुए उसकी तंसीख़ की सिफ़ारिश की थी।

विज़ारत-ए-दाख़िला के एक ओहदेदार ने कहा कि हम ने मर्कज़ी काबीना से सिफ़ारिश की है कि जस्टिस जीवन रेड्डी कमेटी की रिपोर्ट मुस्तरद करदी जाये । विज़ारत-ए-दिफ़ा ने भी इस क़ानून में किसी तरह की नरमी की मुख़ालिफ़त की है और कहा कि तख़रीब कारी से मुतास्सिरा इलाक़ों में काम करनेवाली मुसल्लह अफ़्वाज को इस क़ानून से हिरासानी के ख़िलाफ़ राहत मिलती है। ये कमेटी 2004 में तशकील दी गई थी जब इस क़ानून के ख़िलाफ़ मनीपुर में ज़बरदस्त एहतेजाज किया गया था।