महिकमा रेलवेज़ को चाहे मुनाफ़ा होरहा हो लेकिन अवाम को हमेशा ख़सारा ही बताया जाता है और शायद यही वजह है कि इस बार भी महिकमा रेलवेज़ ने जिसे मालियाती बोहरान का सामना है, मुसाफ़िर रेलवे बुकिंग्स में कमी का सख़्त नोट लिया है जबकि बगै़र टिकट सफ़र करने वालों के ख़िलाफ़ कार्रवाई करने में महिकमा रेलवेज़ हमेशा पेश पेश रहा है क्योंकि इस तरह जुर्मानों की शक्ल में रेलवेज़ के खज़ाने में काबिल लिहाज़ फ़ंड जमा होता है।
सदर नशीन रेलवे बोर्ड अरवीन्द कुमार ने एक समीनार में शिरकत के मौक़ा पर कहा कि जारिया साल अगस्त तक मुसाफ़िर बुकिंग्स के तनासुब में कमी हुई लेकिन सितंबर और अक्तूबर में बुकिंग्स के तनासुब में कमी की भरपाई बगै़र टिकट सफ़र करने वाले मुसाफ़िरों पर आइद करदा जुर्माने से हासिल हुए फ़ंड के ज़रिया करली गई।