मुसीबत की घड़ी में साथ न देने वाले कयानी से नाराज मुशर्रफ

पाकिस्तान के साबिक सदर परवेज मुशर्रफ को अफसोस है कि उन्हें फौजी सरबराह अशरफ परवेज कयानी ने बगावत के मुकदमे से बचाया नहीं कयानी को मुशर्रफ ने ही मुकर्रर किया था |

करीब सात साल फौज के चीफ रहने के बाद कयानी पिछले महीने ही रिटायर हुए हैं पाकिस्तान में पहली मर्तबा किसी साबिक फौजी तानाशाह पर बगावत का मुकदमा चल रहा है.

मुशर्रफ ने कहा कि अगर उन्हें खुसूसी अदालत ने सजा दे दी तो भी वे रहम की भीख नहीं मांगेंगे मुशर्रफ ने कहा, गुनाहगार करार दिए जाने पर मैं न तो माफ करने की गुजारिश करूंगा और न ही कोई दूसरा हल कुबूल करूंगा उन्होंने कहा कि अगर मैं ऐसा करूंगा तो लगेगा कि मैंने डर कर ऐसा किया है |

मुशर्रफ ने एक्सप्रेस ट्रिब्यून को दिए इंटरव्यू में यह इत्तेला दी यह इंटरव्यू चैनल वन ने इतवार को नशर किया | मुशर्रफ ने कहा, मैंने जो किया उसका मुझे कोई अफसोस नहीं है मैं अपने खिलाफ इल्ज़ाम झेलने के लिए पाकिस्तान लौट आया हूं मुझे उम्मीद नहीं थी कि मुझ पर बगावत का मुकदमा भी चल सकता है |

मुशर्रफ ने कहा कि यह हैरत अंगेज़ है कि वज़ीर ए आज़म नवाज शरीफ ने मेरे खिलाफ बगावत का मामला चलाने में कोई दिलचस्पी नहीं दिखाई, जबकि असली मुतास्सिर तो वही हैं उन्हीं को 1999 में हटा कर मैं इक्तेदार में आया था |