मुस्कुराइए….

इंसानियत का जज़्बा!
एक दोस्त ने दूसरे दोस्त से कहा : यार आज मैंने इंसानियत के जज़्बे के तहत एक गधे को ट्रेन की ज़द में आने से बचा लिया?
दोस्त ने ये सुन कर कहा : उस को इंसानियत का जज़्बा और बिरादराना जज़्बा भी कह सकते हैं।

मैं भी
शौहर बीवी से : फ़र्ज़ करो में अचानक मृगया तो तुम्हारा क्या होगा ? तुम कहाँ रहोगी ?
बीवी ( सोच कर ) : मेरी छोटी बहन के साथ रह लूंगी ! और फ़र्ज़ करो में मुरगई तो तुम्हारा क्या होगा ? तुम कहाँ रहोगे ?
शौहर ( इतमीनान से ) में भी तुम्हारी छोटी बहन के साथ रह लूंगा ।
डाक्टर गोपाल कोहीरकर